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दिसंबर प्रदोष व्रत 2025: अंतिम प्रदोष व्रत 17 दिसंबर को, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जानें दिसंबर प्रदोष व्रत 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 17 दिसंबर को मनाएं भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित अंतिम प्रदोष व्रत।

दिसंबर प्रदोष व्रत 2025: प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जिसे हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से मनोकामनाओं की पूर्ति और शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 का अंतिम प्रदोष व्रत (Paush Pradosh Vrat 2025) पौष मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को पड़ रहा है।

प्रदोष व्रत 2025 की तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी की तिथि 16 दिसंबर 2025 को रात 11:57 बजे से शुरू होगी और 18 दिसंबर 2025 को रात 2:32 बजे समाप्त होगी। इस साल अंतिम प्रदोष व्रत 17 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा।

प्रदोष काल: शाम 5:38 बजे से रात 8:18 बजे तक

प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत का महत्व भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने में है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही प्रदोष व्रत पारिवारिक खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए भी शुभ माना जाता है।

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प्रदोष व्रत 2025 की पूजा विधि| Pradosh Vrat 2025

प्रदोष काल से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

पूजा स्थान पर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।

शिवलिंग का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करें।

बिल्व पत्र, धतूरा, आक के फूल और सफेद चंदन अर्पित करें।

इस दिन शिव-पार्वती को खीर और गुड़ का भोग लगाएं।

रुद्राक्ष की माला से ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।

प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें और अंत में आरती करें।

पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए भगवान से क्षमा प्रार्थना करें।

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