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Delhi Coaching Tragedy: मम्मी-पापा परेशान हो रहे हैं, इसलिए मेरी फोटो नहीं लगाओ; कोचिंग हादसे में गायब हुआ छात्र अचानक सामने आ गया

Delhi Coaching Tragedy: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग हादसे के समय लाइब्रेरी में 30 विद्यार्थी उपस्थित थे। जिनमें से 27 को बचाया गया है। हालाँकि, कुछ रिपोर्टों में कुछ छात्रों के गायब होने की सूचना दी गई है।

Delhi Coaching Tragedy: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुआ हादसा अभी भी सदमे का कारण है। इस मामले में बहुत से लोगों की लापरवाही सामने आई है, जिसका खामियाजा तीन जिंदगियों को चुकाना पड़ा। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर इलाके की एक तीन मंजिला इमारत में कोचिंग सेंटर चल रहा था। इसके बेसमेंट में लाइब्रेरी थी। शनिवार शाम भारी बारिश के बाद यहां पानी भर गया, जिसके परिणामस्वरूप तीन विद्यार्थी डूब गए। सभी छात्रों ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की थी। घटना के समय लाइब्रेरी में 30 विद्यार्थी उपस्थित थे। जिनमें से 27 को बचाया गया है। हालाँकि, कुछ रिपोर्टों में कुछ छात्रों के गायब होने की सूचना दी गई है।

प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों ने कहा कि हादसे के समय कुछ छात्र लाइब्रेरी में थे और अब उनका कुछ पता नहीं चल रहा है। लेकिन इस बीच एक ऐसा ही विद्यार्थी आया और कहा कि मैं सुरक्षित हूँ। छात्र को किंग्सले कन्नन कहा गया था। वह अपने दोस्त के साथ दिल्ली के सुल्तानपुर में रहता है। उसने मीडिया से अपील की है कि गायब हुए छात्रों में उसकी तस्वीर ना लगाए, क्योंकि तमिलनाडु में उसके माता-पिता परेशान हो रहे हैं।

छात्र ने कहा कि वह हादसे से पहले ही मैं लाइब्रेरी से निकल गया था। लेकिन, जब मैं चला गया तो लगभग 22-25 छात्र लाइब्रेरी में बैठे थे। तमिलनाडु में मेरे माता-पिता को परेशान कर रहे हैं, इसलिए मीडिया से अनुरोध करता हूं कि मेरी तस्वीर का उपयोग करना बंद कर दें। कन्नन ने कहा कि छात्रों ने ही कोचिंग मैनेजमेंट से अंडरग्राउंड स्पेस में पुस्तकालय खोलने की अनुमति मांगी थी। लेकिन यह अवैध था।

वास्तव में, तीन मंजिला इमारत का एनओसी सिर्फ पार्किंग और स्टोर एरिया के लिए था। लेकिन इसके बावजूद, नियमों का उल्लंघन करते हुए यहां एक पुस्तकालय बनाया गया, जिससे तीन छात्र मारे गए। अब तक, कोचिंग का मालिक और समन्वयक सहित सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

अभी भी जारी प्रदर्शन

हादसे के बाद कुछ विद्यार्थी अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। विद्यार्थी प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं, जिनमें मृतकों के परिवारवालों को मुआवजा देना, पूरे मामले पर कठोर कार्रवाई करना और मौतों का सटीक आंकड़ा बताना शामिल हैं।

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