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दिल्ली सरकार ने जन विश्वास विधेयक 2026 को दी मंजूरी, छोटे अपराध होंगे गैर-आपराधिक, अदालतों पर बोझ घटेगा

दिल्ली सरकार ने जन विश्वास विधेयक 2026 को मंजूरी दी। छोटे अपराध अब गैर-आपराधिक बनेंगे, अदालतों पर बोझ घटेगा और कानून प्रक्रिया सरल होगी।

दिल्ली सरकार ने राजधानी में छोटे अपराधों और तकनीकी उल्लंघनों को अपराधमुक्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2026 को मंजूरी दे दी है। यह फैसला कानून प्रक्रिया को सरल बनाने, प्रशासनिक बोझ कम करने और नागरिकों तथा कारोबारियों को राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस विधेयक का मकसद कानूनों को आधुनिक, व्यावहारिक और पारदर्शी बनाना है ताकि छोटे मामलों में आपराधिक मुकदमों की जगह नागरिक दंड और प्रशासनिक जुर्माने जैसी व्यवस्था लागू हो सके। इससे अदालतों पर बढ़ रहे केसों का भार कम होगा और शासन तंत्र अधिक कुशलता से काम करेगा।

पीएम मोदी की जन विश्वास पहल से प्रेरित मॉडल

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन विश्वास पहल से प्रेरित है। केंद्र सरकार ने 2023 और 2025 में कई केंद्रीय कानूनों से छोटे अपराध हटाकर नागरिक दंड व्यवस्था शुरू की थी। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी अपने कानूनों की समीक्षा कर ऐसे मामलों को अपराधमुक्त करने की सलाह दी गई थी।

दिल्ली सरकार की समीक्षा में पाया गया कि कई नियमों में आपराधिक सजा देने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि नागरिक दंड अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित विकल्प है।

इन मामलों में होंगे बदलाव- सात बड़े अधिनियमों में संशोधन

विधेयक के तहत दिल्ली के कुल 7 अधिनियमों में संशोधन का प्रस्ताव है। इनमें शामिल हैं:

दिल्ली औद्योगिक विकास, संचालन एवं अनुरक्षण अधिनियम, 2010

दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954

एनसीआर ‘इन्क्रेडिबल इंडिया’ बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रतिष्ठान अधिनियम, 2007

दिल्ली कृषि उपज विपणन (नियमन) अधिनियम, 1998

दिल्ली जल बोर्ड अधिनियम, 1998

दिल्ली व्यावसायिक महाविद्यालय/संस्थान अधिनियम, 2007

दिल्ली डिप्लोमा स्तरीय तकनीकी शिक्षा संस्थान अधिनियम, 2007

इन सभी कानूनों में छोटे अपराधों को अपराधमुक्त कर नागरिक दंड, प्रशासनिक जुर्माना, और अपील व्यवस्था की प्रक्रिया लागू की जाएगी।

जुर्माना हर तीन साल में 10% बढ़ेगा

विधेयक में एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह भी है कि हर तीन साल में जुर्माने की राशि में 10% की स्वतः वृद्धि होगी। इससे दंड व्यवस्था मुद्रास्फीति के अनुरूप अपडेट रहती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संशोधन को लागू करने में दिल्ली सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।

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ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि छोटे और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों पर आपराधिक मुकदमे हटने से:

व्यवसायों के लिए नियम सरल होंगे

नागरिकों को अनावश्यक कोर्ट प्रक्रियाओं से राहत मिलेगी

शासन व्यवस्था की गति और पारदर्शिता बढ़ेगी

कानूनों का अनुपालन आसान और स्पष्ट होगा

हालांकि, दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गंभीर अपराधों, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, और जीवन से जुड़े मामलों में कठोर नियमों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।

शीतकालीन सत्र में पेश होगा विधेयक

दिल्ली सरकार ने पुष्टि की कि दिल्ली जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2026 को अब दिल्ली विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इसके पास होते ही दिल्ली में छोटे अपराधों को लेकर कानूनी ढांचा पूरी तरह बदल जाएगा और नागरिकों को अधिक सहज, आधुनिक और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था का लाभ मिलेगा।

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