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Delhi News: दिल्ली में मंत्रियों की संख्या बढ़ाने की मांग पर सुनवाई होगी; क्या दलीलें दी गई?

 Delhi News: दिल्ली सरकार के मंत्रियों की संख्या बढ़ाने की मांग करने वाली जनहित याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है। अदालत ने कहा कि याचिका विचार करने योग्य है।

 Delhi News: दिल्ली सरकार की कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़ाने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस याचिका पर विचार करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता के वकील से भी अदालत ने कई सवाल पूछे और मामले को फिर से सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख दी।याचिकाकर्ता आकाश गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार में 38 विभाग हैं।

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में 70 विधायक चुन कर आए हैं, लेकिन सरकार चलाने का अधिकार सिर्फ 7 मंत्रियों को है। यह देश में मंत्रियों की सबसे कम संख्या है। दिल्ली के बाद गोवा और सिक्किम मंत्री हैं। गोवा और सिक्किम में क्रमशः 40 और 32 विधायक हैं जबकि वहां सरकार चलाने का जिम्मा 12-12 मंत्रियों पर है।

याचिका में दिल्ली को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से अलग दर्जा दिया गया है। फिर भी दिल्ली की सरकार सात मंत्री से चल रही है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद-239एए भी अधिवक्ता कुमार उत्कर्ष की याचिका में चुनौती दी गई है। यह दिल्ली कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या को विधानसभा के कुल सदस्यों के 10 प्रतिशत तक सीमित करता है।

याचिका में कहा गया है कि यह सीमा भेदभावपूर्ण, मनमानी और संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है। यह प्रशासनिक दक्षता और लोकतांत्रिक शासन के सिद्धांतों को कमजोर करता है। अनुच्छेद-239एए, दिल्ली को अन्य केंद्र-शासित प्रदेशों से अलग करता है। अदालत ने कहा कि दिल्ली को दूसरे राज्यों से तुलना नहीं की जा सकती। दिल्ली में केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार के बीच कुछ तरह की शक्तियों का विभाजन है। यह प्रदेश अन्य राज्यों जैसा नहीं है। हालांकि पीठ ने कहा कि वह इस मामले को सुनेंगी और फिर निर्णय किया जाएगा।

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