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दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती, नियम तोड़ने वाले उद्योग होंगे सील, बिना PUC वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन

दिल्ली में प्रदूषण पर सरकार ने सख्ती बढ़ाई। नियम तोड़ने वाले उद्योग सील होंगे, 50% वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य और बिना PUC वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन। नो PUC, नो फ्यूल नियम सख्ती से लागू।

दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सख्त रुख अपनाया है। राजधानी की हवा को साफ रखने के लिए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। चाहे वह उद्योग हों, निजी कार्यालय हों या वाहन मालिक—सभी के लिए नियमों का पालन अनिवार्य होगा।

वर्क फ्रॉम होम नियम तोड़ने पर निजी कंपनियों पर कार्रवाई

सरकार ने निर्देश दिए हैं कि 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम के नियम का पालन न करने वाली निजी कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। नियमों की अनदेखी करने वाले कार्यालयों को सील करने तक की कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि सुविधाएं जरूरी हैं, लेकिन पर्यावरण सुरक्षा उससे भी अधिक अहम है।

नो PUC, नो फ्यूल नियम सख्ती से लागू

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि “नो PUC, नो फ्यूल” नियम को पूरी सख्ती के साथ लागू किया जा रहा है। अब तक 2 लाख से अधिक वाहनों की PUC जांच की जा चुकी है, जिनमें से करीब 10 हजार वाहन उत्सर्जन मानकों पर खरे नहीं उतरे।
PUC व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए सभी जांच केंद्रों को आधुनिक मशीनों से अपग्रेड किया जा रहा है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम भी लागू किया गया है। परिवहन विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।

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अवैध और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर शिकंजा

प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सोमवार से विशेष अभियान तेज कर दिया गया है। मंत्री ने साफ चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों को तुरंत सील किया जाएगा।
इसके अलावा, 31 दिसंबर तक OECM सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन नहीं करने वाले उद्योगों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। एमसीडी और डीपीसीसी मिलकर अवैध और अनधिकृत औद्योगिक इकाइयों की पहचान कर रहे हैं और उन्हें बंद किया जाएगा।

धूल नियंत्रण के लिए चौबीसों घंटे अभियान

दिल्ली में सड़क की धूल कम करने के लिए सफाई और पानी के छिड़काव का काम 24 घंटे किया जा रहा है। लैंडफिल साइट्स पर बायो-माइनिंग के जरिए कचरे का वैज्ञानिक निपटान किया जा रहा है। प्रतिदिन लगभग 35 हजार मीट्रिक टन कचरे की प्रोसेसिंग की जा रही है।

शहर के जलाशयों को मिलेगा नया जीवन

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि सरकार शहर के पुराने और उपेक्षित जलाशयों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम कर रही है। लक्ष्य है कि कम से कम 50 प्रतिशत जलाशयों को उनके मूल स्वरूप में वापस लाया जाए। ये जलाशय न केवल धूल कम करने में मदद करेंगे, बल्कि शहरी पर्यावरण को भी बेहतर बनाएंगे।

सरकार का साफ संदेश

दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदूषण के खिलाफ चल रही मुहिम में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। नियमों का पालन सभी के लिए अनिवार्य है और उल्लंघन करने वालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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