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Delhi Private Schools Fees: दिल्ली के निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने पर आतिशी ने CM रेखा गुप्ता से ये तीन मांगें की

Delhi Private Schools Fees: आतिशी ने मांग की है कि दिल्ली सरकार पहले बढ़ी हुई फीस को रोक दे। फिर सभी प्राइवेट स्कूल की फीस का ऑडिट कराए। ऑडिट रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय ले।

Delhi Private Schools Fees: दिल्ली की पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता आतिशी ने बीजेपी सरकार पर एक बार फिर आरोप लगाया है कि निजी स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी की है। उनका दावा है कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनते ही प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों को लूटने लगे। आतिशी का कहना है कि निजी स्कूलों के मालिकों की स्वतंत्रता को तुरंत रोका जाना चाहिए। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसके लिए तीन तत्काल उपायों की मांग की है।

आतिशी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले बढ़ी हुई फीस पर तुरंत रोक लगाई। यदि प्राइवेट स्कूलों ने अपनी फीस बढ़ा दी है तो उनकी जांच की जाए। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही स्कूलों को बढ़ी हुई फीस वसूलने का अधिकार होना चाहिए। यदि ऑडिटर मानता है कि स्कूल मुनाफाखोरी नहीं कर रहा है, तो सरकार स्कूल संचालकों को 1 या 2 प्रतिशत फीस बढ़ाने की अनुमति देगी।

क्या हैं आतिशी की तीन मांगें?

फीस की बढ़ोतरी पर तत्काल लगे रोक

दिल्ली सरकार फी-स्ट्रक्चर की पहले कराए ऑडिट

ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर सिर्फ 1 या 2 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी की दी इजाजत.

निजी स्कूल वालों की मनमानी रोक लगाए सरकार

उनका कहना था कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता विभिन्न स्कूलों के बाहर नारे लगा रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों ने जिस दिन से बीजेपी की सरकार दिल्ली में आई है, उस दिन से अपनी लूट मचानी शुरू कर दी है।

आतिशी ने कहा कि सरकार के 10 साल के कार्यकाल में निजी स्कूलों के संचालकों ने अपनी मनमानी नहीं कर पाई थी। प्राइवेट स्कूलों की लागत हमारी सरकार ने नियंत्रित की थी। उन्हें फीस वापस करनी पड़ती थी अगर ऑडिट से पता चलता था कि शुल्क बढ़ाया गया था।

आप सरकार एक-एक पैसे का हिसाब किताब किया जाता था। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को नियंत्रित किया था। भाजपा की सरकार बनते ही निजी स्कूलों को खुली छूट दी गई है।

सोशल मीडिया के जरिए लोग हमें रोज टैग कर रहे हैं। ज्यादातर अभिभावक सीधे फोन कर रहे हैं। हम इंद्रप्रस्थ और डीपीएस में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपनी फीस को माफ कर दें। हमें क्यों कह रहे हैं? हम तो विपक्ष में हैं, क्योंकि उनको भरोसा नहीं है

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