सावन में शिव मंदिर से लौटते समय न करें ये 3 गलतियां, वरना हो सकता है अशुभ
सावन में शिव मंदिर से लौटते समय भूलकर भी न करें ये 3 गलतियां। जानें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घंटी बजाना, पीछे मुड़कर देखना और खाली हाथ लौटने के क्या हैं प्रभाव।
सावन में शिव मंदिर से लौटते समय न करें गलतियां: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस महीने में लाखों श्रद्धालु शिव मंदिरों में जाकर जलाभिषेक करते हैं, व्रत रखते हैं और भोलेनाथ से कृपा की कामना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर से लौटते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना भी उतना ही जरूरी है जितना कि मंदिर में पूजा करना?
धर्म शास्त्रों और पुराणों में कुछ ऐसी गलतियां बताई गई हैं जिन्हें शिव मंदिर से लौटते समय भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ये गलतियां न सिर्फ पुण्य को कम कर सकती हैं, बल्कि जीवन में नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती हैं। आइए जानते हैं सावन में शिव मंदिर से लौटते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
सावन में शिव मंदिर इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
1. मंदिर से लौटते समय घंटी न बजाएं
जब भक्त सावन में शिव मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो घंटी बजाना शुभ माना जाता है क्योंकि इससे वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है। लेकिन लौटते समय घंटी बजाना निषेध माना गया है। ऐसा करने से मंदिर में अर्जित की गई सकारात्मक ऊर्जा भ्रमित होकर खत्म हो सकती है और उसका लाभ नहीं मिल पाता।
2. मंदिर से लौटते समय पीछे मुड़कर न देखें
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव मंदिर से बाहर निकलते समय बार-बार पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जब भक्त मंदिर से बाहर निकलते हैं, तब भगवान की कृपा उनकी ओर से हटकर अपने लोक में चली जाती है। अगर भक्त पीछे मुड़ते हैं, तो इस कृपा का प्रवाह बाधित हो सकता है। इससे अर्जित पुण्य कम हो सकता है और शुभ फल नहीं मिलते।
3. मंदिर से खाली हाथ न लौटें
अक्सर लोग मंदिर में फूल, फल, धूप, दीप या मिठाई जैसी पूजा सामग्री लेकर जाते हैं और सभी चीजें भगवान को अर्पित कर खाली हाथ लौट आते हैं। लेकिन यह शुभ नहीं माना गया है। मंदिर से लौटते समय पूजा में अर्पित प्रसाद या फूलों में से कुछ लेकर जरूर आना चाहिए। यह ईश्वरीय आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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