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सावन शिवरात्रि 2025 पर जरूर लगाएं महादेव का यह प्रिय पौधा, इस दिशा में लगाने से मिलेगा दोगुना फल

सावन शिवरात्रि 2025 पर बेलपत्र का पौधा उत्तर या ईशान दिशा में लगाने से मिलते हैं अद्भुत फल। जानें क्यों है यह पौधा शिव का प्रिय और कैसे देता है सुख-समृद्धि।

सावन शिवरात्रि 2025 का पर्व 23 जुलाई को मनाया जाएगा और इस बार यह तिथि कई शुभ योगों के साथ आ रही है। ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को न केवल व्रत और जलाभिषेक करना चाहिए, बल्कि शिव से जुड़े खास उपाय भी करने चाहिए। उन्हीं में से एक है- महादेव के प्रिय पौधे बेलपत्र का रोपण। इसे सावन शिवरात्रि के दिन सही दिशा में लगाना बेहद शुभ फलदायी माना गया है।

क्यों खास है सावन शिवरात्रि 2025?

इस वर्ष सावन शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, गजकेसरी योग, बुद्धादित्य योग और मालव्य योग जैसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जो किसी भी शुभ कार्य की सफलता को कई गुना बढ़ा सकते हैं। यह शुभ मुहूर्त शिव आराधना और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है।

कब मनाई जाएगी सावन शिवरात्रि?

श्रावण मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 जुलाई 2025 को सुबह 04:39 बजे से होगी और यह तिथि 24 जुलाई की रात 02:28 बजे तक प्रभावी रहेगी। इस आधार पर 23 जुलाई को ही सावन शिवरात्रि का व्रत और पूजा संपन्न की जाएगी।

महादेव का प्रिय पौधा: बेलपत्र

हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि बेलपत्र भगवान शिव का अत्यंत प्रिय पौधा है। शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। लेकिन यदि आप बेल का पौधा अपने घर में ही रोपित करें, तो इसका प्रभाव और भी गहरा होता है।

किस दिशा में लगाएं बेलपत्र का पौधा?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेलपत्र का पौधा उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में लगाना सर्वोत्तम माना गया है। इन दिशाओं में लगाया गया पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और परिवार के सदस्यों को मानसिक शांति, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

बेलपत्र का पौधा लगाने के लाभ

  • घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।

  • नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है।

  • मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

  • पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

  • घर में महालक्ष्मी और महादेव दोनों की कृपा बनी रहती है।

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