क्या थायराइड रोगियों का वजन तेजी से बढ़ता है? जाने क्यों होता है?
थायराइड से तेजी से वजन क्यों बढ़ता है?
शरीर में कई फंक्शन थायरॉइड से नियंत्रित होते हैं। यही कारण है कि थायरॉइड रोगियों को वजन में उतार-चढ़ाव की समस्या होती है। इस लेख में आखिर ऐसा क्यों होता है?
वर्तमान में महिलाओं में थायरॉइड की बीमारी सबसे आम है। थायरॉइड तनाव, चिड़चिड़ापन और मोटापा जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म देता है। किसी महिला को थायरॉइड होने पर आने वाले समय में अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। थायरॉइड की बीमारी बढ़ते वजन और मोटापे से हो सकती है। आज हम थायरॉइड क्या है? मोटापा इससे कैसे जुड़ा हुआ है?
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मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है थायरॉयड
थायरॉइड ग्लैंड के निचले भाग में है। यह बटरफ्लाई की तरह दिखता है। इससे हार्मोन टी-3, टी-4 और टी एस एच निकलते हैं। यदि इस हार्मोन की मात्रा कम या ज्यादा होती है तो हमें कई बीमारियां होती हैं। थायरॉइड शरीर के कई फंक्शनों पर प्रभाव डालता है, जिसमें मेटाबॉलिज़्म रेट भी शामिल है।
हाईपर और हायपो थायरॉयडिस्म थायरॉइड
शरीर के लिए थायरॉइड का अधिक और ज्यादा निकलना बहुत अधिक खतरनाक है। जब थायरॉइड ग्लैंड तेजी से काम करता है, तो थायरॉइड हार्मोन काफी अधिक उत्पादित होता है। इस दौरान ग्लैंड बहुत व्यस्त रहता है। यह हाईपर थायरॉयडिसम है। धीमी गति से काम करने पर थायरॉयड होर्मोन कम होता है। हाइपोथायराइडिज्म इसका नाम है। ऑटोइम्यून भी थायरॉइड का नाम है। जब थायरॉइड ग्लैंड के फंक्शन में कोई समस्या होती है, तो कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए मोटापा तेजी से बढ़ता है।
मोटापा से जुड़ा है हाइपोथायराइडिज्म
हाइपोथायराइडिज्म हार्मोन मोटापे को तेजी से बढ़ाता है। शरीर की मेटाबोलिक दर भी इससे कम होती है। इससे व्यक्ति को अंदर से कमजोर महसूस होने लगता है, जिससे वह थक जाता है और थक जाता है। वह भी दिन-प्रतिदिन कम होने लगता है।
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