डॉ. बलबीर सिंह ने यह भी बताया कि जालंधर सिविल अस्पताल में 49 इंटर्नल मैडीकल अफसर, 46 डीएनबी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 मैडीकल अफसर तैनात हैं, जो प्रति बेड एक डॉक्टर की आवश्यकतानुसार पर्याप्त हैं। बावजूद इसके ड्यूटी में लापरवाही के कारण यह गंभीर घटना हुई।
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मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य और शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी है। मंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी कभी नहीं रही, और सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि मरीजों की जानों को सुरक्षित रखा जा सके।
यह मामला राज्य में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल उठाता है। सरकार की यह कार्रवाई दोषियों के खिलाफ कड़ी संदेश के रूप में देखी जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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