राज्यपंजाब

डॉ. बलबीर सिंह: जालंधर सिविल अस्पताल मामला, तीन डॉक्टर निलंबित, एक हाउस सर्जन बर्खास्त;

डॉ. बलबीर सिंह: जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति में लापरवाही के मामले में मैडीकल सुपरिंटेंडेंट और तीन डॉक्टरों को निलंबित, एक हाउस सर्जन को बर्खास्त किया गया। पंजाब सरकार ने जांच तेज कर गंभीर कार्रवाई की।

डॉ. बलबीर सिंह: जालंधर सिविल अस्पताल में हाल ही में हुई गंभीर घटना को लेकर राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति में आई बाधा के कारण कई गंभीर मरीजों की मृत्यु हो गई। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार ने मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डॉ. राज कुमार, सीनियर मैडीकल अफसर डॉ. सुरजीत सिंह, और ऑन ड्यूटी कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डॉ. सोनाक्षी को निलंबित कर दिया है। साथ ही, ड्यूटी में घोर लापरवाही बरतने वाले हाउस सर्जन डॉ. शमिंदर सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।

लापरवाही के कारण जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इन अधिकारियों की लापरवाही के कारण जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हुई, जिससे कई मरीजों की जानें चली गईं। उन्होंने कहा कि यह घटना चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक बड़ा सदमा है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है, और जांच में दोष सिद्ध होने पर इन अधिकारियों को स्थायी रूप से सेवा से हटाया जा सकता है। इस स्थिति में वे किसी भी सेवा लाभ के पात्र नहीं होंगे।

डॉ. बलबीर सिंह ने यह भी बताया कि जालंधर सिविल अस्पताल में 49 इंटर्नल मैडीकल अफसर, 46 डीएनबी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 मैडीकल अफसर तैनात हैं, जो प्रति बेड एक डॉक्टर की आवश्यकतानुसार पर्याप्त हैं। बावजूद इसके ड्यूटी में लापरवाही के कारण यह गंभीर घटना हुई।

also read:- पंजाब सरकार ने ग्रामीण विकास खंडों के पुनर्गठन को मंजूरी…

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य और शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी है। मंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी कभी नहीं रही, और सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि मरीजों की जानों को सुरक्षित रखा जा सके।

यह मामला राज्य में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल उठाता है। सरकार की यह कार्रवाई दोषियों के खिलाफ कड़ी संदेश के रूप में देखी जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

For More English News: http://newz24india.in

Related Articles

Back to top button