Dr. Balbir Singh: वर्ष 2024 का अंत, मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार स्वास्थ्य सेवा में अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करेगी
- डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि 881 आम आदमी क्लीनिकों में 2.58 करोड़ से अधिक लोग इलाज का लाभ उठा रहे हैं
- सरकारी अस्पतालों में इलाज करवा रहे मरीज़ नाममात्र दरों पर एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा पा सकेंगे: पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री
- सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को पुरस्कृत किया जाएगा: डॉ. बलबीर सिंह
- ‘हर शुक्रवार डेंगू ते वार’ अभियान से वर्ष 2024 में डेंगू के मामलों को 55% तक कम करने में मदद मिली।
- पूरे राज्य में किडनी रोगियों को मुफ्त डायलिसिस सुविधा प्रदान की जा रही है
- राज्य भर में प्रतिदिन 3284 स्थानों पर आयोजित की जा रही सीएम डि योगशाला का लाभ 1 लाख से अधिक लोग उठा रहे हैं
Dr. Balbir Singh: पंजाब के लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के इरादे से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान राज्य में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं।
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने और बदलने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी परियोजना ‘आम आदमी क्लीनिक’ एक बड़ी सफलता रही है, क्योंकि 2.58 करोड़ (1.08 करोड़ विशिष्ट रोगी/1.5 करोड़ पुनरीक्षण) से अधिक लोगों ने इन क्लीनिकों में मुफ्त इलाज का लाभ उठाया है।
जिक्रयोग्य है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों को 75 आम आदमी क्लीनिक समर्पित किए थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 881 हो गई है। इन 881 आम आदमी क्लीनिकों में से 316 शहरी क्षेत्रों में जबकि 565 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं।
उन्होंने बताया कि आम आदमी क्लीनिकों में मरीजों के लिए 80 प्रकार की दवाइयां और 38 प्रकार के डायग्नोस्टिक टेस्ट निःशुल्क उपलब्ध हैं। इन क्लीनिकों ने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्च को 1200 करोड़ रुपये कम करने में योगदान दिया है।
इसके अलावा, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए नए मानव संसाधन अर्थात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को शामिल करने के साथ राज्य में 3134 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र क्रियाशील हैं।
पंजाब सरकार ने जनवरी 2024 में मुफ़्त दवा पहल की शुरुआत की है, ताकि माध्यमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यक दवाओं की सूची (ईडीएल) के तहत सभी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। सिविल सर्जन और एसएमओ को गैर-ईडीएल से अतिरिक्त दवाएँ खरीदने या स्थानीय स्तर पर किसी विशेष दवा की कमी होने पर उन्हें खरीदने के लिए अधिकृत किया गया है।
इसी प्रकार, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनवरी में शुरू की गई डायग्नोस्टिक पहल, जो सभी माध्यमिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाएं प्रदान करती है, के तहत कुल 202 एक्स-रे केंद्रों और 389 अल्ट्रासाउंड केंद्रों को मौजूदा सरकारी सुविधाओं को मजबूत करने के अलावा नाममात्र सरकारी निर्धारित दरों पर सेवाएं प्रदान करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 के बाद कलर डॉपलर/अल्ट्रासाउंड मशीनों की संख्या 65 से बढ़ाकर 98 और एक्स-रे मशीनों की संख्या 368 से बढ़ाकर 384 कर दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि अब सभी जिला अस्पतालों (डीएच), उप-मंडल अस्पतालों (एसडीएच) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध है। अब तक कुल 10.11 लाख मरीज़ों (7.76 लाख ने एक्स-रे सेवाओं का लाभ उठाया और 2.34 लाख ने यूएसजी सेवाओं का लाभ उठाया) ने इन सेवाओं का लाभ उठाया है।
विभाग ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं के विस्तार में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। इसमें पटियाला में राष्ट्रीय मिडवाइफरी प्रशिक्षण संस्थान (एनएमटीआई) का संचालन, नई मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा (एमसीएच) शाखाओं की स्थापना और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए डीएनबी कार्यक्रम का विस्तार शामिल है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब स्टेमी परियोजना, हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है, जिसे आठ जिलों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिसमें 7,000 से अधिक सीने में दर्द के रोगियों को नामांकित किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य स्टेमी (हार्ट अटैक) रोगियों को समय पर और प्रभावी उपचार प्रदान करना है, जिसमें थ्रोम्बोलिसिस पर ध्यान केंद्रित किया गया है। टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन – हृदय में रक्त के थक्कों को घोलने में मदद करता है – जिसकी कीमत 25000 से 35000 रुपये के बीच है, इस परियोजना के तहत मुफ्त में दिया जा रहा है। यह इंजेक्शन हृदय में रक्त के थक्कों को घोलने में मदद करता है। इस परियोजना का अब शेष 15 जिलों में विस्तार किया जा रहा है, जिसमें तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज और एम्स बठिंडा सहित 4 नए हब हैं।
पंजाब सरकार ने अक्टूबर 2024 में पंजाब स्ट्रोक परियोजना भी शुरू की है, जिसका उद्देश्य इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित लगभग 200 स्ट्रोक रोगियों को निःशुल्क मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी प्रदान करना है। यह परियोजना भी हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है, जिसमें सीएमसी लुधियाना हब और 3 जिला अस्पताल स्पोक के रूप में हैं।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई डेंगू विरोधी मुहिम ‘हर शुक्रवार डेंगू ते वार’ सफल रही है और वर्ष 2024 में डेंगू के मामलों में पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 55 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है तथा डेंगू के कारण होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए पंजाब सरकार हंस फाउंडेशन, माता गुजरी ट्रस्ट जगराओं और हेल्पफुल एनजीओ सहित गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से मरीजों को मुफ्त डायलिसिस सुविधा प्रदान कर रही है। वर्तमान में, 23 जिला अस्पतालों, 14 उप-मंडल अस्पतालों, तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 40 डायलिसिस केंद्रों पर 168 डायलिसिस मशीनें स्थापित हैं। अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक 4831 मरीजों को 32800 डायलिसिस सेशन दिए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल, परेशानी मुक्त उपचार प्रदान करने के लिए शुरू की गई फरिश्ते योजना, कीमती जीवन बचाने में वरदान साबित हुई है। अपनी शुरुआत से लेकर अब तक, इस योजना ने 223 दुर्घटना पीड़ितों को मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान किया है, जो सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करने में इसकी प्रभावशीलता को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि आम लोगों को आगे आकर दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने और पीड़ितों की जान बचाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, ऐसे “फरिश्ते” को 2000 रुपये का नकद इनाम, प्रशंसा प्रमाण पत्र और कानूनी जटिलताओं और पुलिस पूछताछ से छूट प्रदान की जा रही है। अब तक, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) पंजाब के साथ 66 “फरिश्ता” (नेक सामरी) पंजीकृत किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एसएएस नगर में पंजाब का पहला इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज भी समर्पित किया है, जहां लोग यूजीआई एंडोस्कोपी, फाइब्रोस्कैन, एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड और ईआरसीपी जैसी सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस इंस्टीट्यूट को नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (आईएलबीएस) के समकक्ष स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट सहित सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तृतीयक देखभाल प्रदान कर रही है, जबकि मुख्यमंत्री पंजाब कैंसर राहत कोष योजना के तहत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों, होमी भाभा कैंसर अस्पताल संगरूर, होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र (एचबीसीएचआरसी) मुलनपुर और एडवांस कैंसर इंस्टीट्यूट बठिंडा में मुफ्त कैंसर उपचार प्रदान किया जा रहा है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘सीएम दी योगशाला’ की सभी जिलों में सफल शुरुआत के बाद पंजाब के लोगों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के उद्देश्य से शुरू की गई जन-अभियान ने गांव और ब्लॉक स्तर पर भी अपने पंख फैला लिए हैं। सरकार ने 580 योग प्रशिक्षकों की भर्ती की है और इस समय रोजाना सुबह 3284 ‘सीएम दी योगशालाएं’ लगाई जा रही हैं, जिनमें 1 लाख से अधिक लोग इन योग शिविरों का लाभ उठा रहे हैं।