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Shattila Ekadashi व्रत में भगवान विष्णु की पूजा छह तरह के तिल से होती है, इस बात का रखें ध्यान

Shattila Ekadashi माघ महीने की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि है। इस दिन व्रत पूजा-पाठ करने से साधकों को सुख-समृद्धि मिलेगी। इस दिन भगवान विष्णु को छह तरह से पूजा करने का विधान है।

Shattila Ekadashi: षटतिला एकादशी माघ महीने की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि है। इस दिन व्रत पूजा-पाठ करने से साधकों को सुख-समृद्धि मिलेगी। इस दिन भगवान विष्णु को छह तरह से पूजा करने का विधान है। इसलिए यह एकादशी षटतिला एकादशी कहलाती है। माघ महीना सनातन धर्म में भगवान श्री हरि विष्णु को बहुत प्रिय है। माना जाता है कि इस महीने भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। माघ महीने के अनुष्ठान में षटतिला एकादशी भी शामिल है। इस दिन तिल का छह तरह का उपयोग होता है। तिल इस जल में मिलाकर स्नान करें। तिल का उबटन लगाना आवश्यक है। तिल पूजा में उपयोग करें। तिल का पानी पीना चाहिए। तिल का दान करें। तिल खाना चाहिए। विष्णु सहस्त्रनाम की पूजा और जाप करें। घर में भगवान श्री हरि विष्णु की मूर्ति के सामने विष्णु आरती करें। इस शुभ दिन पर तिल दान करना सबसे महत्वपूर्ण है।

शनिवार को पंचांगानुसार षटतिला एकादशी तिथि का व्रत रखा जाएगा। एकादशी 24 जनवरी को शाम 07:25 बजे से शुरू होगी और 25 जनवरी को शनिवार को रात्रि 08:31 बजे समाप्त होगी। 26 जनवरी को एकादशी व्रत का पारण प्रातः 07:21 बजे से प्रातः 09:34 बजे तक चलेगा।

इस बात पर विशेष ध्यान दें-

इस दिन चावल खाना वर्जित है। इस दिन चावल का परहेज करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस दिन चावल का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए…

धार्मिक वजहें- एक पौराणिक कथा में कहा गया है कि मां के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने अपना शरीर त्याग दिया और उनका अंश जमीन में समा गया। एकादशी तिथि थी, जिस दिन महर्षि मेधा का अंश धरती में समाया। माना जाता है कि महर्षि वेधा चावल और जौ से पैदा हुए थे। इसलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए।

वैज्ञानिक तर्क-वैज्ञानिक तत्वों के अनुसार, चावल में बहुत अधिक जल तत्व होते हैं। वहीं जल पर भी चंद्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है। चावल का सेवन करने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से मन विचलित और चंचल हो जाता है। मन के चंचल होने पर व्रत के नियमों का पालन नहीं हो पाता है, इसलिए एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित होता है।

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