बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव कब है: जानिए मंगला आरती और नंदोत्सव की खास बातें
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन होती है साल में एक बार मंगला आरती और दधिकांधौ जैसे खास आयोजन, जानिए महोत्सव से जुड़ी सभी खास बातें।
बांके बिहारी जन्माष्टमी उत्सव: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी के पावन अवसर पर वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में इस बार त्रिदिवसीय महोत्सव का आयोजन 15 से 17 अगस्त 2025 तक किया जाएगा। पूरे विश्व से श्रद्धालु इस दौरान श्रीकृष्ण के दर्शन और मंगला आरती में भाग लेने के लिए वृंदावन पहुंचेंगे। बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव 16 अगस्त 2025 को भगवान श्रीकृष्ण का 5,252वां मनाया जाएगा, और यही रात होगी जब साल में केवल एक बार होने वाली मंगला आरती का आयोजन किया जाएगा।
बांके बिहारी जन्माष्टमी उत्सव 2025 – प्रमुख तिथियां
15 अगस्त 2025 महोत्सव आरंभ, विष्णु स्वामी महाराज जयंती, रूपानंद महाराज की 318वीं जयंती
16 अगस्त 2025 जन्माष्टमी रात्रि 12 बजे ठाकुर जी का दिव्याभिषेक और मंगला आरती
17 अगस्त 2025 नंदोत्सव, दधिकांधौ, श्रृंगार आरती और राजभोग
मंगला आरती: साल में सिर्फ एक बार होती है दर्शन की यह दुर्लभ घड़ी
बांके बिहारी मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पूरे साल में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी की रात मंगला आरती होती है। 16 अगस्त की रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म के साथ ही ठाकुर जी का दिव्याभिषेक किया जाएगा और फिर मंगला आरती के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। यह पल भक्तों के लिए अत्यंत पुण्य और अद्भुत अनुभव वाला होता है।
5 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना
प्रशासन ने अनुमान जताया है कि इस बार जन्माष्टमी के दौरान मथुरा-वृंदावन में 50 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच सकते हैं। इसके लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रैफिक प्लानिंग, भीड़ नियंत्रण और हेल्थ इमरजेंसी जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
नंदोत्सव और दधिकांधौ – ठाकुर जी की बाल लीलाओं का उत्सव
17 अगस्त को नवमी की सुबह बांके बिहारी मंदिर में श्रृंगार आरती और दोपहर में राजभोग आरती के बीच नंदोत्सव का आयोजन होगा। इस दौरान मंदिर परिसर में दही, माखन और मिश्री से खेल होता है, जिसे दधिकांधौ कहा जाता है। यह श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की झलक देने वाला अत्यंत भावुक दृश्य होता है।
धार्मिक और ऐतिहासिक आयोजन
15 अगस्त को जन्माष्टमी उत्सव की शुरुआत विष्णु स्वामी महाराज जयंती और अमर शहीद गोस्वामी रूपानंद महाराज की 318वीं जयंती के अवसर पर होगी। बांके बिहारी मंदिर और हरिदास पीठ मंदिर में आचार्य द्वय के चित्रपटों का पूजन, भोग-राग और पुष्पांजलि अर्पण किया जाएगा।
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