बार-बार हाथ-पैर सुन्न होना गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जानिए विशेषज्ञों की राय
बार-बार हाथ-पैर सुन्न होना कई गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज़, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, विटामिन B12 की कमी या स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। जानिए विशेषज्ञों से इसके कारण, लक्षण और इलाज।
हाथ-पैर सुन्न होने के मुख्य कारण
1. डायबिटिक न्यूरोपैथी
डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में लंबे समय तक शुगर नियंत्रण में न रहने के कारण नसों को नुकसान पहुँचता है। इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है, जिसमें झुनझुनी, जलन और सुन्नता की समस्या आम हो जाती है।
2. सर्वाइकल या लम्बर स्पॉन्डिलाइटिस
गर्दन या रीढ़ की हड्डी में होने वाली यह स्थिति नसों पर दबाव डालती है, जिससे हाथों या पैरों में सुन्नपन महसूस होता है। यह दर्द, कमजोरी और चलने में असंतुलन भी पैदा कर सकती है।
3. विटामिन B12 की कमी
विटामिन B12 तंत्रिका तंत्र की सेहत के लिए आवश्यक होता है। इसकी कमी से नसों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे सुन्नता, थकावट और चक्कर आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
4. थायरॉइड की गड़बड़ी
हाइपोथायरॉइडिज्म से पीड़ित लोगों में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और इससे नसों पर असर पड़ता है, जो सुन्नता का कारण बन सकता है।
5. मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS)
यह एक ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यून प्रणाली खुद की नसों पर हमला करती है। इसके लक्षणों में सुन्नता, थकावट, संतुलन की कमी और विज़न संबंधी दिक्कतें शामिल हैं।
6. स्ट्रोक
स्ट्रोक के दौरान मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह रुक जाता है, जिससे अचानक किसी एक ओर के हाथ या पैर में सुन्नता और कमजोरी आ सकती है।
7. कार्पल टनल सिंड्रोम
लंबे समय तक एक जैसे हाथों के मूवमेंट से कलाई की नसें दब सकती हैं, जिससे हथेलियों में झुनझुनी और सुन्नता होती है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
यदि आपको निम्न लक्षण बार-बार महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
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लगातार या बार-बार हाथ-पैर सुन्न होना
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कमजोरी या थकान
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शरीर के एक हिस्से में सुन्नता के साथ दर्द
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चलने या संतुलन बनाने में दिक्कत
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नजर धुंधली होना या चक्कर आना
न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, समय पर जांच और इलाज से इन बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है। यदि शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज किया जाए, तो समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
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कैसे करें बचाव?
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नियमित हेल्थ चेकअप कराएं
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ब्लड शुगर और थायरॉइड स्तर नियंत्रित रखें
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विटामिन B12 से भरपूर आहार लें
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लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठने से बचें
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रोजाना हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें
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