Gopashtami 2023 कब है?
Gopashtami 2023: हिंदू धर्म में कार्तिक मास सबसे पवित्र और श्रेष्ठ महीना माना जाता है। गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार है। पंचांग के अनुसार, गोपाष्टमी का पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। गाय की पूजा का पर्व है।
क्यों मनाई जाती है गोपाष्टमी?
गोपाष्टमी पर्व मनाने की परंपरा द्वापर से ही है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक, भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ ऊंगली पर रखा था। इसके बाद आठवें दिन इंद्र देव ने अपना अहंकार समाप्त कर लिया और श्रीकृष्ण से माफी मांगने पहुंचे। इस दिन यानी अष्टमी तिथि पर गोपाष्टमी उत्सव मनाने की परंपरा इसी दिन से शुरू हुई।
गोपाष्टमी पर गाय की पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में गाय एक पूजनीय पशु है। गाय को लगभग 36 देवताओं का घर मानते हैं। श्रीमद्भागवत गीता में एक कामधेनु गाय के बारे में कहा गया है कि जब देवताओं और असुरों के बीच समुंद्र मंथन हुआ, इसमें चौबीस बहुमूल्य रत्न मिले। ऋषि कामधेनु को पवित्र मानते थे।
श्रीमद्भागवत गीता में कहा गया है कि भगवान श्रीकृष्ण बचपन में गायों के साथ खेलते और उनकी सेवा करते थे। गाय उन्हें बहुत प्यार करती थी। गोपाष्टमी पर गायों की पूजा करने से धन, सुख और सौभाग्य मिलता है। इस दिन गाय और गाय के बछड़े भी पूजे जाते हैं।
गोपाष्टमी तिथि और मुहूर्त (Gopashtami 2023 Date and Muhurat)
20 नवंबर 2023 को गोपाष्टमी होगी। इस उत्सव को पंचांगानुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष की अष्टमी तिथि सोमवार 20 नवंबर 2023 को 05 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और मंगलवार 21 नवंबर 2023 को 03 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सोमवार 20 नवंबर 2023 को गो पूजन पर समर्पित गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
गोपाष्टमी पूजा विधि (Gopashtami 2023 Puja Vidhi)
गोपाष्टमी पर गो पूजन करना श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने का एक उपाय है। गोपाष्टमी की सुबह गाय को शुद्ध जल से स्नान करके रोली-चंदन का तिलक लगाना चाहिए। फिर गोमाता को फल, मिष्ठान, पकवान, आटे और गुड़ की भेली खिलाएं और धूप-दीप जलाकर आरती करें। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोमाता की पूजा करें।
फेसबुक और ट्विटर पर हमसे जुड़ें और अपडेट प्राप्त करें:
facebook-https://www.facebook.com/newz24india