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Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा पर क्या करें और क्या न करें? जानिए पूजा के खास नियम

Govardhan Puja 2025: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, क्या करें और क्या न करें। दिवाली के अगले दिन मनाई जाने वाली इस पूजा में भगवान कृष्ण, गाय और गोवर्धन पर्वत की विधिवत आराधना करें और सात्विक जीवन पाएं।

Govardhan Puja 2025: हर साल दिवाली के अगले दिन भारत में गोवर्धन पूजा बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की प्रसिद्ध लीला का स्मरण है, जिसमें उन्होंने ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गायों और गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है जो धर्म शास्त्रों में वर्णित हैं। आइए जानें Govardhan Puja 2025 कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त, और क्या करें-क्या न करें।

कब है गोवर्धन पूजा 2025? Govardhan Puja 2025 Kab Hai

इस वर्ष गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे से होगी और यह 22 अक्टूबर शाम 8:16 बजे तक रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 बजे से 8:47 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए सबसे अनुकूल समय माना जाता है।

गोवर्धन पूजा 2025 पर क्या करें? What to do on Govardhan Puja 2025

गोवर्धन पर्वत बनाएं: घर के आंगन या मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं।

भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें: पर्वत के बीच में भगवान कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें।

अन्नकूट या 56 भोग तैयार करें: कढ़ी-चावल, बाजरा, माखन-मिश्री सहित सात्विक भोजन बनाएं और भगवान को चढ़ाएं।

गाय की पूजा करें: गाय को हरा चारा खिलाएं और उसकी सेवा करें।

परिक्रमा करें: गोवर्धन पर्वत की आकृति की सात बार परिक्रमा करें। यदि संभव हो तो गोवर्धन पर्वत की वास्तविक परिक्रमा करें।

मंत्र जाप करें: परिक्रमा करते हुए भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें।

सात्विक भोजन करें: इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।

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गोवर्धन पूजा 2025 पर क्या न करें? What not to do on Govardhan Puja 2025?

तुलसी के पत्ते न तोड़ें: अमावस्या से पहले और गोवर्धन पूजा के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है।

पेड़-पौधे न काटें: इस दिन किसी भी पेड़ या पौधे को काटना नहीं चाहिए।

तामसिक भोजन से बचें: मांसाहारी भोजन, मांस, मदिरा और अन्य तामसिक पदार्थ न बनाएं और न ही खाएं।

बिना सोचे समझे काम न करें: पूजा के दौरान अशुभ कर्म या नकारात्मक कार्य से बचें।

गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण की लीला का स्मरण कर हमें प्रकृति के संरक्षण और श्रद्धा भाव की शिक्षा देती है। इस दिन किए गए अनुष्ठान जीवन में समृद्धि, शांति और खुशहाली लेकर आते हैं। गाय की पूजा और गोवर्धन पर्वत की स्थापना से धार्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।

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