
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे: जरूरतमंदों का उत्थान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभावी संचालन करें
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा जैसलमेर जिले में जरुरतमंद लोगों को केंद्रीय और राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभ मिलाकर उनके आर्थिक जीवन स्तर को सुधारना चाहिए। विकास के नये आयामों को स्थापित करने के लिए, अधिकारियों को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पूरी निष्ठा से काम करना होगा।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने जैसलमेर जिला कलक्ट्री सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर में सुधार लाने के लिए सरकारी योजनाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने केन्द्रीय और राज्य सरकारों द्वारा संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं की अद्यतन प्रगति और प्राप्त उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने इस दौरान महात्मा गांधी नरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, स्वामित्व योजना ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जलग्रहण घटक), पुनरुत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस), सॉयल हैल्थ कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, उद्यान विभाग की योजनाएं, नेशनल इम्यूनिजेशन प्रोग्राम (यूआईपी), शिक्षा विभाग, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री खनन श्रेत्र योजना, पशुपालन विभाग एफ एम डी सी पी-3 वैक्सीनेशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना/ जीवन ज्योति बीमा योजना, ई-नाम परियोजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, सहित केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं में लक्ष्यों को समय पर पूरा करें और आवश्यक लोगों को राहत दें।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अधिकारियों को सीमावर्ती जिले में सुरक्षा का प्रभावी ढंग से निरीक्षण करने के साथ-साथ समसामयिक परिस्थितियों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।