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गुरु नानक जयंती 2025: गुरु पर्व की महत्व और कार्तिक पूर्णिमा पर मनाएंगे 556वां प्रकाश उत्सव

गुरु नानक जयंती 2025: जानें गुरु पर्व का महत्व, 5 नवंबर को मनाया जाने वाला प्रकाश उत्सव, गुरु नानक देव जी के उपदेश, कीर्तन, लंगर सेवा और मानवता की प्रेरक शिक्षाएं।

गुरु नानक जयंती 2025: गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व, जिसे गुरु नानक जयंती या गुरुपर्व के नाम से जाना जाता है, सिख धर्म का सबसे बड़ा उत्सव है। साल 2025 में यह पर्व बुधवार, 5 नवंबर को मनाया जाएगा। इसे कार्तिक पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता है और इस दिन गुरुद्वारों को फूल, माला और लाइटों से सजाया जाता है। गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर सेवा, अरदास और सत्संग का विशेष आयोजन होता है, साथ ही गुरु नानक देव जी के उपदेशों और शिक्षाओं को याद किया जाता है।

गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं

गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक माने जाते हैं और उन्होंने मानवता, सेवा और निस्वार्थ कर्म का संदेश दिया। उनका प्रमुख उपदेश है:

नाम जप – ईश्वर का स्मरण करना

कीरत करना – ईमानदारी से कर्म करना

वंड चक्खो – दूसरों के साथ साझा करना और मदद करना

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गुरु नानक देव जी ने जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव का विरोध किया और समाज में समानता और मानवता का संदेश फैलाया। उनकी शिक्षाएं आज भी पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

गुरु नानक जयंती का महत्व

इस दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में विशेष सेवा और कीर्तन में भाग लेते हैं। लंगर सेवा का उद्देश्य सभी के बीच समानता और एकता को बढ़ावा देना है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के अनुसार, सेवा और करुणा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

इस प्रकार, गुरु नानक जयंती न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। इस दिन गुरु नानक देव जी के आदर्शों को अपनाकर समाज में अच्छाई और सेवा का संदेश फैलाया जाता है।

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