Gurugram Saras Mela
Gurugram Saras Mela: हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram) के सेक्टर-29 में लेजर वैली मैदान में आयोजित सरस आजीविका मेला 2023 में लोग भारी मात्रा में खरीददारी करने के लिए आ रहे हैं।
रविवार को छुट्टी के चलते मेले में लोगों की भीड़ लगी रही, और सोमवार (30 अक्टूबर) को भी लोग मेले में खरीदारी करने आए। Gurugram Saras Mela में एक महिला रेखा ने बताया कि रविवार को बहुत लोग खरीदारी करने आए।
Gurugram Saras Mela: महिलाएं भी सोमवार को मेले में खरीदारी करने आती हैं क्योंकि फेस्टिवल है। करवा चौथ (Karva Chauth) पर्व के दौरान, महिलाओं ने यहाँ से अपना मनपसंद मेकअप सामान खरीद लिया। साथ ही राजस्थानी मीनाकारी ज्वेलरी, साड़ी, दुपट्टा आदि खरीदें।
Gurugram Saras Mela में एसएचजी की डिंपल, राजस्थान के बाड़मेर जिले से आई आशापुरा माता ने बताया कि हमारे एसएचजी में कुल बारह लोग हैं। सभी ने एप्लिक वर्क किया है। महिलाओं को साड़ी, सूट, पैच वर्क दुपट्टा, अजरख ब्लॉक प्रिंट के साड़ी, सूट और रनिंग फैब्रिक काफी लुभा रहा है और इसकी काफी खरीदारी हुई है। उनका कहना था कि इनके स्टॉल पर सामान 200 रुपये से साढ़े छह हजार रुपये में मिलेंगे।
भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया
राधा कृष्ण एसएचजी की ममता ने बताया कि आर्टिफिशियल ज्वेलरी के उत्पादों को महिलाओं ने काफी पसंद किया है। इसमें मीनाकारी ज्वेलरी में झुमके के विभिन्न डिजाइन हैं। महिलाओं ने करवा चौथ में इस्तेमाल करने के लिए थाली, चौकी, दिया, लोटा, ट्रे, आदि भी खरीदारी की। वीकेंड पर मेले में काफी भीड़ थी। लोगों ने मेले में नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद लिया।
गायक दलेर मेहंदी भी शिरकत करेंगे।
2 नवंबर को, सांस्कृतिक संध्या में मशहूर गायक दलेर मेहंदी अपनी प्रस्तुति से समां बांधेंगे। रात आठ बजे दलेर मेहंदी कार्यक्रम शुरू होगा। ध्यान दें कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (NRDPRAR) ने गुरुग्राम में एक सरस आजीविका मेला का आयोजन किया है।
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11 नवंबर तक मेला चलेगा
26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक आयोजित मेला भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है। यहां हर आयु वर्ग के लोग मेला देखने आ रहे हैं और खरीदारी कर रहे हैं। इस मेले में देश के 28 राज्यों में 400 से अधिक स्टॉल हैं, जहां लोग खरीददारी करते हैं। मेले में मौजूद विविधता लोगों को आकर्षित करती है।
28 राज्यों से आई 800 स्वयं सहायता समूह की दीदी ने इस मेला में अपनी कला और संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों की स्टॉल लगाई हैं।
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