Hanuman Chalisa Path: हनुमान चालीसा कब और कैसे पढ़ें? इसे पढ़ने का सही तरीका जानें यहाँ

धार्मिक लोगों का कहना है कि हर दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से जीवन में आने वाली कई समस्याएं दूर हो जाती हैं।
Hanuman Chalisa Path: हनुमान चालीसा पढ़ते समय कुछ बातों को याद रखना चाहिए। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि घर पर हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें, कब करें और हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए…
मंगलवार हनुमान जी को समर्पित है। धार्मिक लोग मानते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का जीवन अद्भुत बदल जाता है। तुलसीदास की हनुमान चालीसा को पढ़ना बहुत फायदेमंद माना जाता है। धार्मिक लोगों का कहना है कि हर दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से जीवन में आने वाली कई समस्याएं दूर हो जाती हैं। हनुमान चालीसा पढ़ते समय कुछ बातों को याद रखना चाहिए। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो आप हनुमान जी की कृपा पा सकते हैं। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि घर पर हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें, कब करें और हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए।
कैसे करना चाहिए हनुमान चालीसा का पाठ?
हनुमान चालीसा को तेज स्वर में कभी नहीं पढ़ना चाहिए। ध्यान रखें कि इसका पाठ हमेशा मध्यम स्वर में करें। हनुमान चालीसा का पाठ जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए, बल्कि एक-एक दोहे को समझते हुए करें।
हनुमान चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए?
हनुमान चालीसा को 1, 3, 7, 9 या 11 बार पढ़ना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि हनुमान चालीसा को 7 या 21 दिनों तक लगातार पढ़ने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
हनुमान चालीसा पढ़ने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
चालीसा पढ़ते समय लाल रंग का कपड़ा पहनना बहुत अच्छा माना जाता है। इसके बाद तिल के तेल या शुद्ध घी का दीया जलाकर चालीसा पाठ शुरू करें। फिर हनुमान जी का स्मरण करते रहें। हनुमान चालीसा पढ़ते समय मुंह पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
किस समय हनुमान चालीसा पढ़ना सबसे अच्छा है?
हनुमान चालीसा को सुबह या शाम पढ़ा जा सकता है। किंतु सुबह चार बजे से पांच बजे तक और रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा को सात बार पढ़ना विशेष लाभदायक है।
हनुमान चालीसा का पाठ कब नहीं करना चाहिए?
हनुमान चालीसा का पाठ सूतक काल में, मांस-मदिरा का सेवन करने के बाद, और बिना नहाए नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, मन में नकारात्मकता लाने से भी हनुमान चालीसा का पाठ पूर्ण नहीं माना जाता