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हरछठ व्रत 2025: हरछठ व्रत जन्माष्टमी से दो दिन पहले रखा जाता है, माताएं संतान की लंबी उम्र की कामना करती है

हरछठ व्रत 2025: हरछठ व्रत हर साल भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी से पहले किया जाता है। महिलाएं इसे अपने बच्चों की लंबी उम्र की इच्छा के लिए रखती हैं। इस व्रत को कृष्ण के बड़े भाई बलराम के जन्मदिवस के तौर पर भी मनाया जाता है।

हरछठ व्रत 2025: हरछठ व्रत हर साल भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी से पहले किया जाता है। महिलाएं इसे अपने बच्चों की लंबी उम्र की इच्छा के लिए रखती हैं। कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मदिन भी इस व्रत को मनाया जाता है। माताएं हरछठ, हलषष्ठी या ललही छठ के दिन (भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि) को अपनी संतान को लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस वर्ष पंचांगानुसार व्रत 14 अगस्त को रखा जाएगा। इस साल जन्माष्टमी 15 अगस्त और 16 अगस्त दो दिन है। ऐसे में इसकी तारीख भी बदल सकती है।

हरछठ व्रत 2025- हलषष्ठी व्रत के नियम

हरछठ व्रत में कई नियम हैं। इस व्रत में हल से जुता हुआ कुछ भी नहीं खाया जाता। (हरछठ व्रत 2025) गाय का दूध, दही या घी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दिन आप तालाब में पैदा हुआ कुछ खा सकते हैं, जैसे सिंघाड़े। सिंघाड़े का आटा खा सकते हैं। इस दिन अनाज नहीं खाया जाता है। कुछ लोग चीनी का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। इस व्रत में माता षष्ठी की पूजा की जाती है। दिवार पर उनका चित्र बनाया जाता है और सात प्रकार के अनाजों का षष्ठी मैय्या को अर्पित किया जाता है। षष्ठी मैय्या से संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। इसके अलावा माता के पास धान की लाई, भैंस का दूध, घी और अन्य सामग्री हैं। बच्चों के खिलौने जैसे-भौरा, बाटी आदि भी अर्पित किए जाते हैं और फिर पूजा के बाद बच्चों में बांट दिए जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दिन हल से जुती हुई भूमि पर नहीं चलना चाहिए और किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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