
फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम 2025 में आर. प्रज्ञानंदा ने वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को सिर्फ 39 चालों में हराकर चौंकाया। जानें कैसे भारत का ये युवा ग्रैंडमास्टर वैश्विक स्तर पर छा रहा है।
युवा ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानंदा ने फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम टूर के चौथे दौर में विश्व क्रमांक एक मैग्नस कार्लसन को सिर्फ 39 चालों में हराकर पूरी शतरंज दुनिया को चौंका दिया। यह उनकी अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि उन्होंने इतनी जल्दी इस चुनौतीपूर्ण प्रतियोगी को मात दी।
39 चालों का नतीजा: तेज और शातिर जीत
प्रज्ञानंदा ने 10 मिनट + 10 सेकंड के टाइम कंट्रोल में मैच को तेज रफ़्तार और सटीक रणनीतियों के साथ खत्म किया। शुरुआती स्थिति में वह क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज—तीनों फॉर्मैट में संतुलन बनाए रखने में सफल रहे। उनकी 93.9% सटीकता ने यह साबित किया कि जहां कार्लसन की सटीकता 84.9% थी, वहीं भारतीय खिलाड़ी ने स्पष्ट आधिपत्य दिखाया।
समूह में टॉप पोजिशन: साथी खिलाड़ियों के साथ संयुक्त नेतृत्व
इस जीत के साथ आर. प्रज्ञानंदा ने 8 प्रतिभागियों वाले व्हाइट ग्रुप में 4.5 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान साझा कर लिया। उनके शानदार प्रदर्शन ने साबित किया कि वह अब विश्व स्तर पर कार्लसन और अन्य दिग्गजों का सामना करने लायक बन चुके हैं।
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आर. प्रज्ञानंदा का सफर: ड्रॉ से शानदार वापसी
इस टूर्नामेंट का आरंभ नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के खिलाफ ड्रॉ से हुआ था। इसके बाद उन्होंने दूसरे राउंड में असाउबायेवा और तीसरे राउंड में कीमर जैसी मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को मात दी थी। चौथे राउंड में उनकी जीत उनके आत्मविश्वास और रणनीतिक कौशल को दर्शाती है।
युवा फ्रीस्टाइल विशेषज्ञ: बोले- “मैं क्लासिकल से ज्यादा फ्रीस्टाइल पसंद करता हूं”
मैग्नस को हराने के बाद प्रज्ञानंदा ने कहा, “मेरी प्राथमिकता फ्रीस्टाइल शतरंज है क्योंकि इसमें रचनात्मकता और तेजी से निर्णय लेने की ताकत होती है।” उनका यह दृष्टिकोण युवा खिलाड़ियों में नई ऊर्जा भरता है, जो शतरंज को भविष्य में और रोमांचक बनाएगा।
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