राज्यहरियाणा

हरियाणा: विकास परियोजनाओं के लिए स्वेच्छा से सरकार को भूमि देने की नीति में संशोधन को हरियाणा कैबिनेट की मंजूरी

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में विकास परियोजनाओं हेतु विभागों, सरकारी संस्थाओं, बोर्डों, निगमों एवं सरकारी कंपनियों को स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि की खरीद संबंधी नीति, 2025 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

संशोधन के तहत उक्त नीति के पैरा 4 के उप-पैरा 4.1 में स्वीकार्य सहमति/प्रस्ताव  से संबंधित एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। इस प्रावधान के अनुसार, यदि कोई भू-मालिक स्वयं या किसी एग्रीगेटर के माध्यम से ई-भूमि पोर्टल पर अपनी सहमति अपलोड करता है और वह उप-पैरा 5(ii) एवं (iii) / 6(ii) एवं (iii) में उल्लिखित सभी शर्तों को पूरा करता है, तो ऐसी सहमति को वैध माना जाएगा।

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पूर्व में, मौजूदा प्रावधानों के अंतर्गत भूमिधर (स्वयं या एग्रीगेटर के माध्यम से) ई-भूमि पोर्टल पर अपनी भूमि का प्रस्ताव केवल संबंधित जिले के कलेक्टर दर से अधिकतम तीन गुना दर तक ही दे सकता था, जो भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 के तहत निर्धारित होती है।

कलेक्टर दरों के केवल तीन गुना तक की दरों की पेशकश करने पर यह प्रतिबंध, विशेष रूप से उन गाँवों से, जहाँ कलेक्टर दरें नीति के तहत बाज़ार दरों से काफ़ी कम हैं, वास्तविक ज़मीन के प्रस्ताव प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर रहा था।

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