
हरियाणा के CM Nayab Saini ने चंडीगढ़ में आयोजित आचार्य श्री भिक्षु स्वामी जी की 300वीं जयंती समारोह में भाग लेकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर CM Nayab Saini ने कहा कि संतों और महापुरुषों के विचार और जीवन मूल्य आज भी समाज को सही दिशा देने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “यदि हम इनके आदर्शों को अपनाएं, तो नैतिक और चरित्रवान समाज का निर्माण संभव है, जो आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की नींव रखेगा।”
CM Nayab Saini ने मंचासीन मुनिश्री विनय कुमार आलोक जी, मुनिश्री सुधाकर जी, मुनिश्री अभय कुमार आलोक जी, मुनिश्री नरेश जी एवं स्वामी सम्पूर्णानंद ब्रह्मचारी जी महाराज सहित सभी संतजनों को नमन करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस पावन अवसर पर तेरापंथी समाज के श्रद्धालुओं के बीच आने का अवसर प्राप्त हुआ।
CM Nayab Saini ने संतों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, “देश की यह धरा संतों की धरा है। इन्हीं संतों की तपस्या, त्याग और संयम की भावना के कारण हमारी संस्कृति आज भी जीवित है। जैन मुनियों की तपस्वी जीवनचर्या हमें भौतिक युग में भी संयम और संतुलन का पाठ पढ़ाती है।”
आचार्य भिक्षु: समाज सुधार और आध्यात्मिक क्रांति के अग्रदूत
CM Nayab Saini ने आचार्य भिक्षु स्वामी जी को केवल एक संत नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी विचारक बताया जिन्होंने धर्म में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और अध्यात्म को तर्कसंगत दिशा प्रदान की। उन्होंने कहा कि विक्रम संवत 1783 में कंटालिया गांव में जन्मे ‘भीखण’ ने सत्य, त्याग और तपस्या से भरे जीवन में आगे चलकर विक्रम संवत 1817 में तेरापंथ की स्थापना की।
तेरापंथ की ‘एक आचार्य, एक विधान, एक विचार’ की विचारधारा को मुख्यमंत्री ने अनुशासन, एकता और निष्ठा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन केवल एक पंथ की शुरुआत नहीं थी, बल्कि धर्म को उसके शुद्धतम स्वरूप में पुनः स्थापित करने का साहसी प्रयास था।”
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युवाओं से किया विशेष आह्वान
CM Nayab Saini ने युवाओं से आचार्य भिक्षु स्वामी जी के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “उनका जीवन निडरता, सच्चाई और संयम की प्रेरणा है। आज के समय में जब हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं, तब इन मूल्यों का जीवन में उतारना अत्यंत आवश्यक है।”
CM Nayab Saini ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की चर्चा करते हुए कहा कि यह लक्ष्य तभी संभव होगा जब हमारा समाज नैतिक और चरित्रवान होगा।
तेरापंथ के सिद्धांतों की सराहना
समारोह में उपस्थित मुनिश्री विनय कुमार आलोक जी एवं मुनिश्री सुधाकर जी ने आचार्य भिक्षु जी के जीवन दर्शन और तेरापंथ के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “महापुरुषों की वाणी को जीवन में उतारना कठिन है, लेकिन यही आत्मिक प्रगति की दिशा है। तेरापंथ की सबसे बड़ी विशेषता ‘एक गुरु, एक विधान’ है, जिसके अनुयायी अपने गुरु के प्रति अटूट श्रद्धा रखते हैं।”
कार्यक्रम में अनेक श्रद्धालु, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, साधु-साध्वियां और युवा वर्ग उपस्थित रहा। समारोह एक ओर जहां आध्यात्मिक प्रेरणा का केंद्र बना, वहीं समाज में नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का संदेश भी देता रहा।
आज चंडीगढ़ में आचार्य भिक्षु जी की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘जन्म कल्याणक महोत्सव’ में पहुंचकर पूज्य आचार्य श्री को श्रद्धापूर्वक नमन किया।
आचार्य भिक्षु जी जैसे संतों के विचार न केवल समाज को दिशा देते हैं, बल्कि हमारे जीवन के लिए एक अमूल्य प्रेरणा स्रोत भी हैं।
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— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) July 8, 2025