हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सक्रियता से बाढ़ प्रभावित इलाकों में नुकसान कम हुआ। पंजाब, हिमाचल और जम्मू कश्मीर को भी हरियाणा ने आर्थिक और राहत सहायता प्रदान की।
देश के कई राज्यों में भारी प्राकृतिक आपदाओं ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है। खासकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ का कहर देखने को मिला है, जिससे लोगों के खेत-खलिहान, मकान और दुकानें जलमग्न हो गई हैं। लेकिन हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सक्रिय नेतृत्व क्षमता और सतर्कता के कारण इस प्राकृतिक आपदा का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है।
मार्च-अप्रैल से ही मुख्यमंत्री सैनी ने संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा और फील्ड में सक्रिय होकर बचाव कार्यों का निर्देशन किया। उन्होंने अधिकारियों को कड़े आदेश दिए कि राज्य की सभी नदियाँ और नाले मानसून से पहले पूरी तरह साफ किए जाएं ताकि जल निकासी बाधित न हो और बाढ़ का प्रभाव न्यूनतम रहे। इस तरह की योजना और लगातार समीक्षा के कारण हरियाणा में भारी बारिश और जलभराव के बावजूद नुकसान कम हुआ।
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने न केवल हरियाणा में बचाव कार्यों को प्रभावी बनाया बल्कि पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को आर्थिक और राहत सामग्री के रूप में मदद भी प्रदान की। हिमाचल प्रदेश को 5 करोड़ रुपए की सहायता राशि भेजी गई है, साथ ही जरूरत पड़ने पर तुरंत अतिरिक्त सहायता देने का भी आश्वासन दिया है।
सीएम सैनी ने फील्ड में जाकर प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और किसानों को नुकसान की भरपाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने सभी विभागों को यह निर्देश भी दिया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए कोई कसर बाकी न छोड़ी जाए। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से अपील की है कि वे इस आपदा के मौके पर राजनीति करने के बजाय सहयोग करें और राहत कार्यों में योगदान दें।
हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की दूरदर्शी योजना और प्रभावी प्रशासनिक कदमों के चलते बाढ़ के दौरान जान-माल का नुकसान कम हुआ है और प्रदेश में राहत कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
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