हरियाणा सरकार ने 1 अगस्त से भूमि के कलेक्टर रेट में 5‑25% तक इजाफा करने की मंजूरी दी। रजिस्ट्री अपॉइंटमेंट को दो दिन के लिए रोक दिया गया, रेट सूची जल्द सार्वजनिक की जाएगी।
हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि अगले 1 अगस्त से राज्य में कलैक्टर रेट में औसतन 5 से 25% वृद्धि होगी। उच्च स्थानों और एनसीआर क्षेत्र में यह बढ़ौतरी अधिक, जबकि अन्य जिलों में अपेक्षाकृत कम हो सकती है।
राजस्व विभाग सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद राज्य के सभी जिलों और तहसीलों में नए रजिस्ट्री अपॉइंटमेंट्स दो दिन के लिए रोके गए हैं। केवल वे रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे, जिनके अपॉइंटमेंट पहले से confirm थे।
हरियाणा सरकार- रेट बढ़ौतरी प्रक्रिया और नियम
राज्य की वित्त आयुक्त एवं प्रधान सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने बताया कि नए रेट को लागू करने से पहले आवश्यक अनिवार्य प्रक्रिया अपनाई जाएगी जिसमें रेट लिस्ट का सार्वजनिक करना, आम जनता से आपत्तियां व सुझाव लेने का चरण शामिल है। हालांकि, फिलहाल यह सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, जबकि नियमों के अनुसार इसे कम से कम एक महीने पहले जारी करना ज़रूरी है।
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हालिया रिपोर्टों के आधार पर तैयार विवरण में बताया गया है कि पहले वर्ष की तुलना में इस बार अधिकांश इलाकों में कम बढ़ौतरी संभव है, लेकिन एनसीआर क्षेत्रों में बढ़ौतरी अधिक हो सकती है क्योंकि वहाँ ज़मीन की मार्किट वैल्यू अधिक है।
कलेक्टर रेट क्यों महत्वपूर्ण होता है?
कलेक्टर रेट वह बेसिक मूल्य है जिस पर संपत्ति खरीद और बिक्री के मामले में रजिस्ट्रेशन और टैक्स की गणना होती है। यदि रेट अधिक होता है, तो सौदे के आधार पर ली जाने वाली फीस और टैक्स भी वहीं अनुपात में बढ़ते हैं। इसलिए रेट की वृद्धि से संपत्ति खरीदने वालों पर प्रभाव पड़ेगा।
हालिया वृद्धि के आंकड़ों के आधार पर पिछले वर्ष राज्य में रेट में 12 से 32% तक वृद्धि दर्ज की गई थी। इस बार रेट वृद्धि की सीमा अपेक्षाकृत संतुलित रखी गई है।
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