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हरियाणा में स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण में लापरवाही, मंत्री आरती राव ने नोडल अधिकारियों को हटाया

हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण में नोडल अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई। अब सिविल सर्जन निर्माण कार्यों की निगरानी करेंगे और गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे।

हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण कार्यों में नोडल अधिकारियों की लापरवाही को लेकर सख्त कदम उठाया है। मंत्री ने राज्य के सभी नोडल अधिकारियों को हटाकर अब सिविल सर्जनों (मुख्य चिकित्सा अधिकारियों) को निर्माण कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है।

मंत्री आरती राव ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग अनिवार्य है और सभी निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी जिले में निर्माण कार्य में कमी पाई गई, तो इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से जवाब माँगा जाएगा और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

नोडल अधिकारियों की उदासीनता पर नाराजगी

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कई नोडल अधिकारी निर्माण कार्य की प्रगति, उपयोग की जाने वाली सामग्री और ठेकेदारों की गतिविधियों की सही जानकारी नहीं रखते थे। कुछ नोडल अधिकारियों पर ठेकेदारों और एजेंसियों के साथ सांठगांठ का भी आरोप है।

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मंत्री आरती राव ने खुद कई जिलों का दौरा किया और स्थानीय निर्माण कार्यों की जांच की। दौरे के दौरान पता चला कि अधिकांश नोडल अधिकारी परियोजनाओं की स्थिति और गुणवत्ता संबंधी सवालों के संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे। इसके बाद मंत्री ने तुरंत सभी नोडल अधिकारियों को निर्माण कार्यों से हटा दिया और अब सिविल सर्जनों को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

सिविल सर्जनों को दी गई नई जिम्मेदारी

आरती राव ने सिविल सर्जनों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में चल रहे निर्माण कार्यों पर पूरी नजर रखें। किसी भी समय उनसे परियोजनाओं की रिपोर्टिंग और गुणवत्ता जाँच की जा सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य संस्थानों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि यह संस्थान मरीजों के इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी निर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का प्रयोग होना चाहिए और समय से परियोजनाएं पूरी करनी होंगी। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य संस्थानों का निर्माण मरीजों की सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए निर्माण कार्यों में किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

भविष्य की रणनीति

अब हर जिले में सिविल सर्जन निर्माण कार्यों के मुख्य नोडल अधिकारी होंगे। इसके जरिए निर्माण की निगरानी, गुणवत्ता और समयसीमा पर कड़ा नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा।

हरियाणा सरकार के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को सुधारने और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सख्त निगरानी की जाएगी।

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