Haryana News: प्रवीण अत्रे की कार्यप्रणाली के चलते वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की भी पसंद हैं। यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री खुद भी अत्रे को अपने भरोसेमंद लोगों की टीम में रखना चाहते थे।
Haryana News: 1996 के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव पद को 2025 में दोबारा सृजित हुई है और भरी गई है। 1991 से 1996 तक भजनलाल सरकार में मांगे राम शर्मा अंतिम मीडिया सचिव रहे। 1996 में बंसीलाल और भाजपा गठबंधन की सरकार आने के बाद चंडीगढ़ में मीडिया सचिव की जगह मीडिया सलाहकार की पदस्थापना की गई। राजीव जैन उस समय मीडिया सलाहकार बने।
नवंबर 1966 से 1996 तक हरियाणा में मीडिया सचिव की एकमात्र पोस्ट मुख्यमंत्री से संबंधित थी। इस पद पर मुख्यमंत्री मीडिया से तालमेल के लिए अपने किसी व्यक्ति को नियुक्त किया करते थे। इसका मुख्यालय दिल्ली में हरियाणा भवन हुआ करता था। 2025 में चंडीगढ़ के मुख्यमंत्री ने मीडिया सचिव का पद बनाया था। प्रवीण अत्रे की नियुक्ति से पहले मनोहर भाग-2 व नायब सैनी भाग-1 में डीजीआईपीआर हरियाणा विभाग से संबंधित एक पद अवश्य बनाया गया था।
चंडीगढ़ मुख्यालय पर नवनियुक्त मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव में प्रवीण अत्रे पहला है। प्रवीण अत्रे, एक कुशल वक्ता और मीडिया से समन्वय करने में माहिर, ने नायब सैनी पार्ट वन के बाद हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपनी कार्यशैली की प्रमाणिकता साबित की और मीडिया से तालमेल बनाए रखने और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के चलते अपनी लाइन सबसे लंबी खींच दी। प्रमुख मीडिया कॉर्डिनेटर और पब्लिसिटी एडवाइजर के पदों में से इस बार केवल मीडिया सचिव के रूप में प्रवीण अत्रे की नियुक्ति कई राजनीतिक संकेत देती है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बहुत विश्वास पात्र लोगों में से एक है, प्रवीण अत्रे। यही कारण है कि मुख्यमंत्री के साथ उनका गहरा तालमेल देखा जा सकता है। हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रवीण अत्रे ने मीडिया संबंधी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाकर अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया है। इसके अलावा प्रवीण अत्रे को पुराना मीडिया संबंधी अच्छा अनुभव है। पूर्व में अत्रे ने भी इलेक्ट्रॉनिक चैनल पर सरकार का पक्ष रखने का बखूबी काम किया था। यहां तक की चैनल में पार्टी की ओर से गेस्ट भेजने की जिम्मेदारी भी उनके ही पास थी।
नायब सैनी के अलावा प्रवीण अत्रे पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की भी पसंद रहे हैं। वह मनोहर पार्ट-2 के दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव भी थे। नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वह उसी पद पर बरकरार रहे थे।
मुख्यमंत्री की भी पसंद है अत्रे
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी प्रवीण अत्रे की कार्यप्रणाली से खुश हैं। यही कारण था कि मुख्यमंत्री खुद भी अत्रे को अपने विश्वासपात्रों में शामिल करना चाहते थे।
सरकार और मीडिया एकजुट होते हैं
मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव रहते हुए प्रवीण अत्रे ने सरकार से पत्रकारों की कई मांगें पूरी की हैं। सरकार और पत्रकारों के बीच एक कड़ी का काम करते हुए जहां प्रवीण अत्रे पत्रकारों को आने वाली दिक्कत से मुख्यमंत्री को अवगत करवाकर उन्हें दूर करने की कोशिश करते हैं। साथ ही, वह मीडिया में बेबाक रूप से सरकारी नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए काम करते हैं।
पत्रकारों को भी उम्मीद
प्रवीण अत्रे को फिर से मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव की जिम्मेदारी मिलने के बाद हरियाणा के पत्रकारों को भी उम्मीद है कि पिछले काफी समय से लंबित चली आ रही उनकी मांगों को वह जल्द करवा देंगे। मुख्यमंत्री से पहले वह पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए कैशलैस चिकित्सा सुविधा की घोषणा की है। वह भी पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज होने पर पेंशन रोकने की समस्या को दूर कर चुके हैं। यही कारण है कि पत्रकारों को उम्मीद है कि वह इस बार भी मुख्यमंत्री से चर्चा करके उनकी अतिरिक्त मांगों को पूरा करने का प्रयास करेंगे।