हरियाणा सरकार 1 अगस्त 2025 से राज्यव्यापी बेसहारा पशु-मुक्त अभियान शुरू कर रही है। इस योजना के तहत आवारा पशुओं की पहचान, टैगिंग, पुनर्वास और गौशालाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
बेसहारा पशु-मुक्त अभियान: हरियाणा सरकार ने एक और ऐतिहासिक पहल करते हुए प्रदेश को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने का अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। यह बेसहारा पशु-मुक्त अभियान 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर 31 अगस्त 2025 तक चलेगा और इसे मिशन मोड में संचालित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य न केवल प्रदेश के नागरिकों को आवारा पशुओं से राहत देना है, बल्कि इन पशुओं को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करना भी है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर शुरू हो रहा है बेसहारा पशु-मुक्त अभियान
यह निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद लिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को पूरे राज्य में बेसहारा पशुओं की समस्या के त्वरित और समन्वित समाधान के लिए कार्य करने को कहा था। इस अभियान की रूपरेखा मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार की अध्यक्षता में गौ सेवा आयोग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में तय की गई।
राज्यभर में होगी आवारा पशुओं की पहचान और पुनर्वास
बेसहारा पशु-मुक्त अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में घूम रहे बेसहारा पशुओं की पहचान की जाएगी। इन पशुओं को टैग किया जाएगा, उनका डिजिटल डाटा तैयार किया जाएगा और उन्हें पंजीकृत गौशालाओं या आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया जाएगा। यह कदम न केवल पशुओं की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करेगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं और फसलों की हानि जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाएगा।
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चार जिलों में बनेंगे नए गौ अभयारण्य
डॉ. साकेत कुमार ने जानकारी दी कि पशुपालन विभाग जल्द ही चार जिलों में आधुनिक गौ अभयारण्यों की स्थापना करेगा। ये अभयारण्य दीर्घकालिक देखभाल केंद्र के रूप में काम करेंगे। इनका उद्घाटन स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। यह पहल पशु कल्याण के क्षेत्र में हरियाणा को देश में एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करेगी।
बेसहारा पशुओं के लिए प्रोत्साहन योजना
राज्य सरकार ने बेसहारा पशुओं के पुनर्वास के लिए एक प्रोत्साहन योजना भी लागू की है। इसके अंतर्गत गौशालाओं के कर्मचारी जब किसी बेसहारा पशु को आश्रय स्थल तक पहुंचाते हैं, और पशुपालन विभाग द्वारा सत्यापन हो जाता है, तो उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत प्रति बछड़ा ₹300, प्रति गाय ₹600 और प्रति बैल ₹800 की सहायता राशि सीधे डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए ₹4 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।
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