
पंजाब विधानसभा ने बांधों पर सी.आई.एस.एफ. तैनाती के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र की नीतियों, पानी विवाद और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला।
पंजाब विधानसभा ने केंद्र सरकार के साथ राज्य के बांधों पर सी.आई.एस.एफ. तैनात करने के प्रस्ताव का विरोध जताते हुए ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस अवसर पर कांग्रेस और भाजपा की “फूट डालो और राज करो” नीतियों की कड़ी आलोचना की।
फूट और राज की पुरानी नीतियों पर प्रहार
मुख्यमंत्री मान ने आरोप लगाया कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दल राज्यवासियों को संकीर्ण, क्षेत्रीय और सांप्रदायिक आधार पर बांट कर सत्ता का आनंद लेते रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारा देश उन गलत कामों के माध्यम से नहीं, बल्कि ईमानदारी और एकजुटता से ऊँचाइयाँ छू सकता है।”
विदेश नीति और आपसी भाईचारे पर तंज
मान ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उनके पास यूक्रेन–रूस मुद्दे में मध्यस्थ बनने का समय है, मगर हरियाणा–पंजाब के विवाद सुलझाने के लिए समय नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों राज्य “भाई जैसे” हैं और 70% से अधिक केंद्रीय अनाज पूल योगदान देते हैं, लेकिन राजनीतिक दल मतभेद पैदा कर उन्हें लड़ते रहने दें।
पानी के अधिकार को भावनात्मक मुद्दा बताया
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि पंजाब के पास अपने बाँटने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। उन्होंने बताया कि 1955 से ही हर 25 साल में सिंधु जल समझौते का पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालिया फैसले से अन्य राज्यों को पानी मिल रहा है जबकि पंजाब को उपेक्षित किया जा रहा है। मान ने सुझाव दिया कि पश्चिमी नदियों से अतिरिक्त 23 MAF पानी और नए स्टोरेज बांध मुहैया कराए जाएँ।
CISF तैनाती पर कड़ा प्रतिवाद
मुख्यमंत्री ने पूछा कि पहले पंजाब पुलिस मुफ्त में बांधों की सुरक्षा करती थी, तो अब CISF तैनात क्यों? उन्होंने कहा कि यूँ केंद्रीय एजेंसियों को राज्य पर थोपने से लोकतंत्र कमजोर होता है। यह स्थिति पंजाब से 9 करोड़ रु. दे कर CISF तैनाती का बहाना मात्र है। उन्होंने उल्लेख किया कि पठानकोट आतंकी हमले के बाद भी पंजाब ने ही अत्यधिक सुरक्षा सुनिश्चित की थी।
पंजाब के योगदान और आत्मगौरव की बात
मान ने पंजाब की सीमाओं की रक्षा, नशे और आतंकवाद के खिलाफ सक्रियता पर गर्व जताया। उन्होंने कहा, “हम न तो ‘गद्दार’ हैं और न ही ‘सरदार’ — हमारे योगदान से स्पष्ट है कि पंजाब देशभक्ति में अग्रणी है।” उन्होंने यह भी कहा कि पंजाबियों की राष्ट्रीयता और देशभक्ति पर सवाल उठाना अपमानजनक और निराधार है।
CBI/ED की भूमिका पर सवाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की सरकार को केंद्रीय एजेंसियों के फोकस से डर नहीं है। उन्होंने दावा किया कि CBI और ED का दुरुपयोग लोकतंत्र के लिए खतरनाक है, और पंजाब इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
विपक्ष पर तीखा हमला
मान ने कहा कि विपक्ष ने पानी जैसे संवेदनशील मुद्दों से राजनीति बनाई और ग्रामीणों को गुमराह किया। उन्होंने उनका पंजाबी भाषाई ज्ञान को संदिग्ध बताते हुए कहा कि वे कुर्सी की लालच में अवसरवादी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
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