Holika Dahan 2025 Niyam: होली दहन में ये चीजें न डालें, वरना जीवन बर्बाद हो जाएगा; जानें अग्नि में क्या चढ़ाना चाहिए

Holika Dahan 2025 Niyam: धार्मिक लोग होलिका की अग्नि को बहुत पवित्र मानते हैं। ऐसे में, होलिका दहन में क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं? जान लीजिए
Holika Dahan 2025 Niyam: 13 मार्च को इस वर्ष होलिका दहन होगा। फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन के दिन भी भद्राकाल रहेगा। यही कारण है कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगा और मध्यरात्रि 12 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगा। बता दें कि होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, इस दिन लोग होलिका दहन के बाद एक-दूसरे को रंग-गुलाल भी लगाते हैं।
होलिका को दहन करने से पहले पूजा की जाती है, फिर अग्नि जलाई जाती है। होलिका दहन के बाद भी परिक्रमा करना चाहिए। लोग चाहते हैं कि उनकी सभी परेशानी और दुःख होलिका दहन की आग में जल जाएं। धार्मिक लोग होलिका दहन की अग्नि को बहुत पवित्र मानते हैं। ऐसे में होलिका की आग में कुछ भी नहीं डालना चाहिए, वरना इसका आपके जीवन पर बुरा असर होगा। तो आइए जानें होली की आग में क्या डालना चाहिए और क्या नहीं डालना चाहिए।
होली में इन चीजों को नहीं डालना चाहिए
होलिका की अग्नि पवित्र है, इसलिए उसमें टायर, गंदे कपड़े आदि नहीं डालने चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मंगल ग्रह आपके जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
होलिका की आग में पानी वाला नारियल नहीं डाला जाता। होलिका दहन में सूखे नारियल चढ़ाया जाता है। पानी वाला नारियल चढ़ाने से आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति बिगड़ सकती है। चंद्रमा ठीक नहीं होने से जीवन में कई समस्याएं आती हैं।
टूटे फूटे लकड़ी के सामान (पलंग, सोफा, अलमारी) होलिका दहन की आग में नहीं डालना चाहिए। अगर नहीं, तो शनि, राहु और केतु आपके जीवन और घर परिवार पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।
होलिका की पूजा करते समय लोग घर पर बनाए गए भोजन भी अर्पित करते हैं। तो अगर आप गुजिया होलिका की आग में चढ़ा रहे हैं, तो ध्यान रहें कि इसकी संख्या तीन न हो।
होलिका की अग्नि में सूखे फूलों और गेहूं की बालियों को भी नहीं डालना चाहिए। वरना शुभ फल नहीं मिलेंगे।
होलिका की आग में क्या डालना चाहिए?
होलिका दहन की आग में सूखा नारियल डालना चाहिए।
इसके अलावा अक्षत और ताजे फूल होलिका की अग्नि में चढ़ाएं।
होलिका को साबुत मूंग की दाल, हल्दी के टुकड़े, और गाय के सूखे गोबर से बनी माला अर्पित करें।
होलिका की अग्नि में चांदी या तांबे के कलश से जल और गुलाल भी जरूर चढ़ाएं।
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