धर्म

Vastu Tips: बस इन वास्तु नियमों का पालन करके बना लें पढ़ने वाला कमरा,  बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगा लाभ

Vastu Tips: आज हम बच्चों के पढ़ाई वाले कमरे के वास्तु नियमों पर चर्चा करेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में बच्चे इन नियमों का पालन करके अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

Vastu Tips: जब तक बच्चों की चंचलता नहीं शांत हो जाती, तब तक उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता। माता-पिता कई बार अपने बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी बच्चे नहीं पढ़ते हैं। यदि आप भी इसी तरह की समस्या से गुजर रहे हैं, तो बच्चे पर अपने निर्णय थोपने की बजाय कुछ वास्तु नियमों को देखना चाहिए। यदि आप अपने बच्चे के पढ़ने वाले कमरे में कुछ वास्तु नियम लागू करते हैं, तो यह उनकी शिक्षा में बहुत अच्छा हो सकता है। आइए इन वास्तु उपायों को जानें।

इन चीजों को बच्चों के पढ़ाई वाले कमरे से बाहर रखें।

माता-पिता कभी भी पढ़ाई वाले कमरे में ऐसी चीजें न रखें जिससे बच्चे का ध्यान भटके। आप टीवी, रद्दी और मैगजीन को बच्चों के पढ़ने वाले कमरे में नहीं रखना चाहिए। जिस कमरे में बच्चे पढ़ते हैं, वह खुला हुआ होना चाहिए, वहां पर सूर्य किरणें आएं और रोजना उसकी सफाई होनी चाहिए।

यह रंग दें कमरे को

बच्चे जिस कमरे में पढाई करते हैं उसका कलर भी आपको सोच-समझकर रखना चाहिए। बच्चों के कमरे को डार्क कलर से कभी नहीं रंगें क्योंकि यह वास्तुशास्त्र में अनुचित है। काले, नीले या लाल रंगों से बच्चों के कमरे को कभी नहीं रंगना चाहिए। इससे बच्चे को शिक्षा में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

ये दिशा पढ़ाई के कमरे में सबसे अच्छी हैं

यदि बच्चों के पढ़ाई के कमरे की दिशा उत्तर-पूर्व होगी, तो बच्चे पढ़ाई पर अधिक ध्यान देंगे। उसकी बुद्धि भी तेज होगी। बच्चों का पढ़ने का कमरा गलत दिशा में बनाना भी उनकी एकाग्रता भंग कर सकता है।

इस तरह टेबल रखें

दीवार पर बच्चों की पढ़ने वाली टेबल को कभी भी चिपकाकर नहीं रखें। इसके अलावा, बच्चे का ध्यान भटकाने वाले कोई सामान टेबल पर न रखें। आपको केवल बच्चे की किताबों को टेबल पर रखना चाहिए। आप माता सरस्वती की प्रतिमा या चित्र भी टेबल पर रख सकते हैं। इससे बच्चों को शिक्षा में भी लाभ मिलता है।

ये चीजें पढ़ाई वाले कमरे में नहीं लाएं

जिस कमरे में बच्चे पढ़ाई करते हैं, वहां न तो खाना खाना चाहिए और न ही जूते चप्पल पहनना चाहिए। जिस तरह से आप पढ़ाई वाले कमरे को साफ-सुथरा रखेंगे, उतना ही वह सकारात्मक रहेगा; इससे बच्चों की स्मरण शक्ति मजबूत होती है और उन्हें शिक्षा जीवन में आने वाली मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता।

Related Articles

Back to top button