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हूल दिवस पर CM Hemant Soren की ऐतिहासिक घोषणा, दिल्ली के झारखंड भवन में स्थापित होगी वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा

झारखंड के CM Hemant Soren ने हूल दिवस पर दिल्ली स्थित झारखंड भवन में वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। जानें इस ऐतिहासिक कदम की पूरी जानकारी और हूल क्रांति का महत्व।

झारखंड के CM Hemant Soren ने हूल क्रांति दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए बताया कि दिल्ली स्थित झारखंड भवन में संथाल हूल विद्रोह के महानायक अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह निर्णय शहीदों की स्मृति को चिरस्थायी बनाने और देशभर में आदिवासी अस्मिता व संघर्ष को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

 CM Hemant Soren ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल के माध्यम से यह जानकारी साझा की और हूल दिवस पर राज्यवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हूल दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि झारखंड की संस्कृति, संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है।

हूल दिवस: आदिवासी स्वाभिमान और बलिदान का प्रतीक

हर साल 30 जून को झारखंड सहित पूरे देश में हूल क्रांति दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1855 में संथालों द्वारा ब्रिटिश हुकूमत और जमींदारी शोषण के खिलाफ जो विद्रोह किया गया था, वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक मील का पत्थर है। सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो जैसे हजारों आदिवासी योद्धाओं ने इसमें भाग लिया और अपने प्राणों की आहुति दी।

‘हूल हमारी पहचान, हमारी ताकत’- CM Hemant Soren

 CM Hemant Soren ने अपने संदेश में कहा, “हूल दिवस हमारे लिए सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है, यह हमारी ताकत, हमारी पहचान और हमारे अस्तित्व की आवाज है। आने वाले समय में हूल एक बड़ा उलगुलान (क्रांति) होगा, जो आदिवासी धर्म कोड, संस्कृति, भाषा, सभ्यता और पहचान के लिए संघर्ष करेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि इस बार वे व्यक्तिगत रूप से संथाल विद्रोह की जन्मभूमि भोगनाडीह नहीं जा सके, क्योंकि आदिवासी आंदोलन के प्रतीक दिशोम गुरुजी अस्वस्थ हैं। उन्होंने गुरुजी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्हें श्रद्धा से याद किया।

शहीदों को किया याद, दी श्रद्धांजलि

 CM Hemant Soren ने वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो सहित हजारों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा: “हूल दिवस पर अमर वीर शहीदों को शत-शत नमन! हूल जोहार! जय झारखण्ड!”

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