
OTT Film Kaalidhar Laapata Review: एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म G5 पर रिलीज हुई है। फिल्म का नाम है “कालीधर लापता”। अभिषेक बच्चन और निमरत कौर इस फिल्म में हैं।
OTT Film Kaalidhar Laapata Review: अभिषेक बच्चन की फिल्म ‘कालीधर लापता’ ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हो गई है। दैविक बाघेला, भोपाल, मध्यप्रदेश का आठ साल का बच्चा, इस फिल्म में भी काम किया है। दैविक बाघेला और अभिषेक बच्चन ने अच्छा काम किया है। उनकी ये फिल्म हंसाती भी है और रुलाती भी है। तो चलिए आपको बताते हैं कि ये फिल्म आपके वीकेंड वॉच लिस्ट के लिए परफेक्ट है या नहीं।
Kaalidhar Laapata- कहानी
“कालीधर लापता” एक बुजुर्ग व्यक्ति की कहानी है जिसे भूलने की बीमारी है। उसकी बीमारी का पता चलते ही उसका परिवार उसे कुंभ मेले में छोड़ देता है। वहीं उसने आठ साल के नटखट लेकिन दिल से सच्चे बच्चे बल्लू से मुलाकात की। कालीधर को बल्लू न केवल सहारा देता है, बल्कि उसे जीवन का नया लक्ष्य देता है।
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अभिषेक बच्चन परफॉर्मेंस
अभिषेक बच्चन ने कालीधर का किरदार निभाया है। दर्द, अकेलापन और आशा…ये दिखाने के लिए न ही उन्होंने कोई डायलॉग बोला और न ही कोई खास एक्सप्रेशन दिए, बस आंखों ही आंखों में सब कह दिया। कुछ सीन्स तो इतने शानदार तरीके से किए हैं कि आंखों में आंसू आ गए हैं। हालांकि, कहीं-कहीं ऐसा लगता है कि इस सीन को थोड़ा और बेहतर किया जा सकता था। जैसे- कालीधर का बर्तन धोने वाला सीन।
दैविक बाघेला
बल्लू की भूमिका निभाने वाले प्राकृतिक बाघेला ने शानदार काम किया है। इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा काम करना बेशक प्रशंसनीय है। बल्लू के रोल के लिए सैंकड़ों बच्चों का ऑडिशन हुआ, जिसमें वास्तविक बाघेल का चुनाव हुआ। दैविक ने चार साल की उम्र से थिएटर में काम किया है।
जीशान अय्यूब
जीशान अय्यूब ने सुबोध की भूमिका को बखूबी निभाया है, लेकिन स्क्रीनप्ले ने उन्हें उचित स्थान नहीं दिया। यद्यपि वे अपनी एक्टिंग से प्रभावित होते हैं, लेकिन कालीधर-बल्लू की बंधन ही कहानी का मूल है। फिल्म में निमरत कौर भी हैं। उन्होंने भी अच्छा काम किया है।
कैसी है फिल्म? OTT Film Kaalidhar Laapata Review
निर्देशक मधुमिता ने वास्तव में एक भावुक कहानी लिखी है, लेकिन 2019 में रिलीज़ हुई उनकी तमिल फिल्म KD (Karuppudurai) इसकी कहानी है। IMDB पर तमिल फिल्म को 8.4 रेटिंग मिली है। गैरिक सरकार की सिनेमैटोग्राफी फिल्म एक विज़ुअल ट्रीट बनती है। कुछ सीन ऐसे हैं कि आंखें सिर्फ नम हो जाती हैं। साथ ही कहानी को अमित त्रिवेदी के गाने ‘हसीन परेशानियां’ और ‘हंस के जाने दे’ और भी भावुक बनाते हैं। एडिटिंग एकदम टाइट है – न कोई बोरियत, न ही खिंचाव।
देखें या नहीं?
‘कालीधर लापता’ एक ऐसी फिल्म है जो सिर्फ देखी नहीं, महसूस की जाती है। इसमें इमोशन है, ह्यूमर है, जिंदगी है। अभिषेक बच्चन का ये शायद अब तक का सबसे दिल से किया गया परफॉर्मेंस है।
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