लता मंगेशकर की आवाज कोयल जैसी सुरीली थी, जानिए कैसे ?

लता मंगेशकर काफी दिनों से हॉस्पिटल में अपनी बीमारी से जूझ रही थी. इतने मुश्किल वक्त में भी उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी. लेकिन आज यानी रविवार को सुबह उनका सफर यहीं थम गया. उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

उनके फैन लगातार उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे थे. उनकी आवाज को लेकर उन्हें भारत रत्न अवार्ड से नवाजा गया है. लता मंगेशकर के गाने सुनकर दर्शकों के दिमाग में एक बात आती है कि आखिर लता जी की आवाज इतनी सुरीली कैसे हैं, क्या कारण है इसका ?

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ता मंगेशकर खाने की थी शौकीन –
आपको बता दें कि लता मंगेशकर खाने की बेहद शौकीन थी और वह दूसरे सिंगल्स को भी अपने मनपसंद खाना खाने की सलाह देती रहती थी उनका कहना था, की गाने के लिए अपने मनपसंद खाने पर पाबंदी लगाने की कोई जरूरत नहीं है. लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया था ‘मैं भी दूसरे सिंगर की तरह है हर दिन रियास करती हूं’. लेकिन जब मनपसंद खाने की बात आती है तो ‘मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाती हूं’.

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लता दीदी का कहना था कि लोग सिंगिंग को लेकर यह मानते हैं कि सिंगर को खाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. और उन्हें खाने को लेकर बहुत सी चीजों पर ध्यान रखना होता है. कई लोग संगीतकारों को मिर्च न खाने, अचार ना खाने और दही ना खाने की सलाह देते हैं. मगर इस पर लता मंगेशकर ने कहा मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देती. उन्होंने यह भी बताया कि मेरे पिता जी हमेशा कहते थे अगर आपको गायक बनना है तो अपने आसपास किसी भी तरह का प्रतिबंध मत लगाओ, क्योंकि एक गायक को खुलकर गाना चाहिए. अगर आप रोजाना समय से रियास करेंगे तो आवाज हमेशा अच्छी रहेगी.

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आपको बता दें कि बॉलीवुड की दिक्कत सिंगर और भारत रत्न वाह दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित लता मंगेशकर जब से कोरोनावायरस से संक्रमित हुई है. तब से उनकी हालत दिन पर दिन बिगड़ती ही जा रही है. हालांकि पिछले हफ्ते उन्होंने कोरोनावायरस को मात दी थी. लेकिन शनिवार को अचानक उनकी हालत फिर से बिगड़ गई और लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में रखा गया. जहां वह मौत से लड़ रही थी. लेकिन रविवार सुबह लता जी की हिम्मत टूट ग और वही उनकी सांसे थम गई.

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