गणेश चतुर्थी 2025: बप्पा की मूर्ति घर लाने से पहले जान लें ये 7 जरूरी नियम, वरना पूजा अधूरी मानी जाएगी
गणेश चतुर्थी: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धि विनायक कहा जाता है। माना जाता है कि उनके आगमन से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। यदि आप भी इस वर्ष घर में बप्पा की मूर्ति स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, तो नीचे दिए गए 7 महत्वपूर्ण नियमों को अवश्य ध्यान में रखें। ये नियम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से जरूरी हैं, बल्कि पर्यावरण और पवित्रता के लिहाज से भी अहम माने जाते हैं।
गणेश चतुर्थी 2025: मूर्ति स्थापना से पहले जानें ये 7 जरूरी नियम
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मिट्टी से बनी मूर्ति का चयन करें: घर में हमेशा मिट्टी (शाडु माटी) से बनी गणेश जी की मूर्ति की ही स्थापना करनी चाहिए। यह न सिर्फ धार्मिक रूप से शुभ मानी जाती है, बल्कि पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाती।
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उत्तर दिशा में हो गणेश जी की सूंड: मूर्ति खरीदते समय यह अवश्य देखें कि बप्पा की सूंड बाईं ओर (उत्तर दिशा की ओर मुड़ी) हो। इसे सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है।
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चेहरा ढककर लाएं घर तक: जब आप बाजार से मूर्ति लेकर आएं तो बप्पा का चेहरा कपड़े से ढक दें। घर पहुंचने तक चेहरा ढका होना चाहिए। यह परंपरा शुभ मानी जाती है।
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सही दिशा में करें स्थापना: मूर्ति को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में स्थापित करें। अगर यह दिशा उपलब्ध न हो, तो उत्तर दिशा में भी स्थापना की जा सकती है।
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मूर्ति के साथ रखें सेवा का भाव: मूर्ति स्थापना के बाद किसी एक व्यक्ति को हर समय सेवा में समर्पित रहना चाहिए। मूर्ति अकेली न छोड़ी जाए, यह नियम पूजा की पवित्रता बनाए रखता है।
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नियमित आरती और भोग करें: प्रतिदिन सुबह और शाम गणपति जी की आरती करें। साफ-सफाई का ध्यान रखें और ताजे फल-फूल से भगवान को भोग अर्पित करें।
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कलश और सात्विकता रखें साथ: मूर्ति स्थापना के साथ ही नारियल और पानी से भरे कलश की भी स्थापना करें। जितने दिन बप्पा घर में रहें, सात्विक भोजन बनाएं और तामसिक चीजों से परहेज करें।
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