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Lok Sabha Chunav 2024 Result: राहुल गांधी वायनाड छोड़ेंगे या रायबरेली… सामने आने वाला है बड़ा धर्मसंकट !

Lok Sabha Chunav 2024 Result:

Lok Sabha Chunav में भारतीय गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया. इससे राहुल गांधी काफी खुश होंगे. लेकिन साथ ही उनके सामने एक बड़ा धर्मसंकट भी खड़ा हो गया है. केरल में वायनाड और उत्तर प्रदेश में रायबरेली जीतने के बाद वह कौन सी सीट छोड़ेंगे? वोटों की गिनती होने तक उन्हें दोनों सीटों से ठीक-ठाक अंतर से लीड कर रहे थे.

इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे:

राहुल का धर्मसंकट छोटा लग सकता है. लेकिन इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. वायनाड के जरिए राहुल गांधी को दक्षिण भारत से जुड़ने का अच्छा मौका मिला. वहां उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई. इसी जुड़ाव के चलते उन्होंने हमेशा दक्षिणी राज्यों में सार्वजनिक सभाओं को अच्छे से संभाला था. कांग्रेस के लिए दक्षिणी राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाना भी ज़रूरी था.

ये उत्तर प्रदेश है. वहां की राजनीति का देश पर बहुत प्रभाव पड़ता है. पिछली बार वह रायबरेली से अमेठी सीट से हार गए थे. तीन बार अमेठी से चुनाव जीत भी चुके हैं. 2004 में पहली बार सांसद बनने के बाद वे 2019 में बीजेपी की स्मृति इरानी से हारे थे.

वहीं, वह केरल की वायनाड सीट से भी Lok Sabha Chunav लड़ रहे हैं।व हां से वे जीत कर संसद में पहुंच सके थे. इस दरम्यान स्मृति इरानी ने वहां जनता के बीच अपनी पकड़ और अपना घर दोनो बना लिया। यह और बात है कि वहां के लोगों में अभी भी कांग्रेस और राहुल के प्रति बहुत प्यार और सम्मान है।

विरासत तय करने के नाम पर रायबरेली में उतरे:

Lok Sabha Chunav में इस बार राहुल गांधी ने अपनी सीट अमेठी से बदल कर रायबरेली कर दी| राहुल के नामांकन में उनकी मां पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल गईं थी . फिर उन्होंने रायबरेली के लोगों से कहा कि वह अपना बेटा उन्हें दे देंगी।

प्रियंका ने कहा था परिवार की सीट:

राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने भी प्रचार के दौरान कहा था कि रायबरेली उनकी पारिवारिक सीट है. ऐसे में अगर वह रायबरेली की सीट छोड़ने का फैसला करते हैं तो रायबरेली और अमेठी दोनों जगह की जनता उनसे नाखुश हो सकती है.

तो क्या रायबरेली की विरासत प्रियंका को सौंपेंगे:

कांग्रेस के गलियारों में यह भी चर्चा है कि राहुल गांधी रायबरेली की सीट खाली कर सकते हैं और प्रियंका गांधी को रायबरेली का उत्तराधिकार सौंप सकते हैं. लेकिन इस मामले में सही जवाब ये है कि क्या रायबरेली की जनता कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति वफादार रहेगी.

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