राज्यपंजाब

अमन अरोड़ा: 2025 में पंजाब ने हरित ऊर्जा की दिशा में रचा नया इतिहास

अमन अरोड़ा ने 2025 में पंजाब में PEDA की सौर और बायोगैस परियोजनाओं से हरित ऊर्जा में प्रगति पर प्रकाश डाला।

पंजाब ने वर्ष 2025 के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल करते हुए स्वच्छ और सतत भविष्य की ओर मजबूत कदम बढ़ाया है। पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA) के निरंतर प्रयासों से राज्य सौर ऊर्जा और कृषि अपशिष्ट आधारित ऊर्जा उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।

अमन अरोड़ा ने बताया कि पंजाब में अब सूर्य केवल रोशनी ही नहीं बल्कि विकास का आधार बन रहा है। जुलाई 2025 में बठिंडा जिले के भागी बंदर गांव में 4 मेगावाट क्षमता की ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर परियोजना शुरू की गई, जबकि कोठे मल्लुआना और शेरगढ़ में दो अन्य 4-4 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इसके साथ ही पीरकोट फीडर पर 16 ग्रिड-कनेक्टेड सोलर कृषि पंप लगाए गए हैं और 4 अतिरिक्त पंप जल्द लगाए जाएंगे, जिससे खेती को कार्बन-मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि PEDA द्वारा राज्यभर में 4,850 से अधिक ऑफ-ग्रिड सोलर वाटर पंप स्थापित किए जा चुके हैं। मॉडल सोलर विलेज योजना के तहत 277 गांवों को ऊर्जा के लिहाज से आत्मनिर्भर बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। इसके अलावा 2025 में 148 सरकारी भवनों पर कुल 2.6 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा और जीवनशैली सुधार की दिशा में भी बड़े कदम उठाए गए हैं। राज्य के 299 गांवों में 4,169 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइटें रोशन हो चुकी हैं, जबकि 65 अन्य गांवों में 1,221 नई सोलर लाइटें लगाने का कार्य प्रगति पर है।

also read: शक्ति हेल्पडेस्क: मान सरकार की पहल से पंजाब पुलिस बच्चों को दे रही सुरक्षा कवच, स्कूलों में चल रहा जागरूकता अभियान*

खेती और पर्यावरण संरक्षण को जोड़ते हुए पंजाब में कृषि अवशेषों से ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अमन अरोड़ा ने बताया कि 822 टन प्रतिदिन की कुल क्षमता वाली 57 कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो चालू होने पर हर वर्ष 27 लाख टन से अधिक धान के भूसे का उपयोग करेंगी। वर्तमान में 6 CBG परियोजनाएं पहले से ही कार्यरत हैं। इसके अलावा बठिंडा में 5 नई बायोगैस परियोजनाएं और एक बड़ा बायो-इथेनॉल संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह पहल केवल अपशिष्ट प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि एक मजबूत सर्कुलर इकोनॉमी की नींव रख रही है, जहां कृषि अवशेष आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों में योगदान दे रहे हैं।

राज्य में ऊर्जा के विविध स्रोतों को अपनाते हुए 40 मेगावाट की नहर-शीर्ष सोलर परियोजना, बटाला शुगर मिल में 14 मेगावाट का को-जनरेशन प्लांट और धारीवाल में 2 मेगावाट की मिनी हाइड्रो परियोजना भी विकसित की जा रही हैं।

PEDA के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। अमन अरोड़ा ने बताया कि NECA 2025 के तहत PEDA को राज्य प्रदर्शन पुरस्कार (ग्रुप-3) में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ, जो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ऊर्जा संरक्षण, किसान कल्याण और पर्यावरण संतुलन को एक साथ आगे बढ़ा रही है। अमन अरोड़ा ने कहा, “आज बदलाव जमीन पर नजर आ रहा है—किसानों की सिंचाई लागत कम हो रही है, गांव सौर रोशनी से जगमगा रहे हैं और पर्यावरण अधिक स्वच्छ हो रहा है। हमारा लक्ष्य आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित और समृद्ध पंजाब बनाना है।”

वहीं, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रशासनिक सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने कहा कि पंजाब अब नवीकरणीय ऊर्जा को केवल अपना ही नहीं रहा, बल्कि इसे अपने विकास मॉडल का अभिन्न हिस्सा बना रहा है। प्रत्येक परियोजना ऊर्जा आत्मनिर्भरता और आर्थिक मजबूती की दिशा में एक ठोस कदम है।

For English News: http://newz24india.in

Related Articles

Back to top button