Maa Durga Navratri में पालकी पर सवार होकर आ रही हैं; जानिए अगले वर्ष और नवदुर्गा तिथियां
Maa Durga Navratri : माता रानी इस बार नवरात्रि पर पालकी पर सवार होकर आएंगी। यहाँ माता के अलग-अलग वाहनों का अर्थ जानिए।
Maa Durga Navratri: हिंदू धर्म में नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि नवरात्रि एक वर्ष में चार बार आती है। गुप्त नवरात्रि चैत्र और शारदीय नवरात्रों से अलग होती है। नवरात्रि में माता के नौ रूपों को पूजा जाता है। हम आज शारदीय नवरात्रि के बारे में बात करेंगे, जो हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं। 3 अक्टूबर से इस वर्ष शारदीय नवरात्रि शुरू होगी। इस साल मां दुर्गा भी पालकी पर सवार होंगी। साथ ही चरणायुध पर उनकी विदाई होगी। आइए जानते हैं मां दुर्गा का पालकी पर आने का मतलब..।
देवी भागवत पुराण में मां नवदुर्गा को पालकी पर सवार होते देखा गया है। इससे भी संबंधित एक श्लोक है।
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता।
श्लोक कहता है कि अगर नवरात्रि सोमवार या रविवार से शुरू होती है, तो माता हाथी पर बैठकर आती है। साथ ही माता की सवारी घोड़ा होता है अगर नवरात्र शनिवार या मंगलवार से शुरू होता है। साथ ही, मातारानी शुक्रवार और गुरुवार को नवरात्रि शुरू होने पर डोली में आती हैं। वहीं माता बुधवार से नवरात्रि शुरू होने पर नौका पर आती है। साथ ही, इस वर्ष गुरुवार 3 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है, जिसमें माता अशुभ डोली पर सवार होगी।
देवी भागवत पुराण कहता है कि माता रानी को पालकी पर आना अच्छा नहीं है। माता दुर्गा का पालकी पर आना बीमारी और महामारी को देश-दुनिया में फैल सकता है। व्यापार मंदी के अलावा अर्थव्यवस्था में गिरावट की भी आशंका है। साथ ही बाहर दुर्घटना हो सकती है।
तीन अक्टूबर को पूजा की जाएगी अलग-अलग तरह से:
तीन अक्टूबर : शैलपुत्री
चार अक्टूबर :ब्रह्मचारिणी
पांच अक्टूबर : चंद्रघंटा
छह अक्टूबर : कुष्मांडा
सात अक्टूबर : कुष्मांडा
आठ अक्टूबर : स्कंदमाता
नौ अक्टूबर : कात्यायनी
10 अक्टूबर : कालरात्रि
11 अक्टूबर : महागौरी व सिद्धिदात्री
12 अक्टूबर : विजयादशमी