मथुरा-वृंदावन के लिए राहत की खबर: यमुना का जलस्तर 10 घंटे से स्थिर, बाढ़ के खतरे में कमी
मथुरा-वृंदावन के लिए राहत की खबर, यमुना नदी का जलस्तर पिछले 10 घंटे से 167.64 मीटर पर स्थिर है। प्रशासन ने राहत कार्य तेज किए, लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील।
मथुरा-वृंदावन के निवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। यमुना नदी का जलस्तर बीते 10 घंटों से स्थिर बना हुआ है, जिससे बाढ़ की स्थिति में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। सोमवार, 8 सितंबर को सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक यमुना का जलस्तर 167.64 मीटर पर स्थिर रहा।
विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि यदि जलस्तर इसी तरह स्थिर रहा या गिरावट आई, तो आने वाले दिनों में बाढ़ का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है, जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी।
पिछले दिनों में तेजी से बढ़ा था यमुना का जलस्तर
बीते कुछ दिनों में भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड, ताजेवाला और ओखला बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा था। इससे मथुरा और वृंदावन के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे।
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कई सड़कें जलमग्न हो गई थीं।
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घरों और दुकानों में पानी भर गया था।
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वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिरों और घाटों पर पानी चढ़ने से श्रद्धालुओं को दर्शन में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
5 दशक बाद फिर विकराल बाढ़ की स्थिति
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार की बाढ़ की स्थिति 1978 के बाद सबसे गंभीर रही है। वृंदावन के परिक्रमा मार्ग में पानी भर चुका है और कई जगहों पर नाव चलाने की नौबत आ गई है, जो 1978 की बाढ़ की याद दिलाता है।
यमुना खतरे के निशान से ऊपर, लेकिन उम्मीद बनी हुई
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यमुना नदी का चेतावनी स्तर: 165.20 मीटर
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खतरे का निशान: 166 मीटर
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वर्तमान जलस्तर: 167.64 मीटर
हालांकि यमुना अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, लेकिन जलस्तर का लगातार स्थिर रहना एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
प्रशासन सक्रिय, राहत व्यवस्था जारी
मथुरा के जिलाधिकारी और एसएसपी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत चौकियों पर खाने-पीने व प्राथमिक सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की। उन्होंने लोगों से अपील की है कि नदी किनारे न जाएं और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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