माघ मेला 2026: स्नान, कल्पवास और प्रमुख तिथियों से जुड़े सभी सवालों के जवाब
माघ मेला 2026 प्रयागराज में 3 जनवरी से 15 फरवरी तक लगेगा। जानें संगम स्नान की प्रमुख तिथियां, कल्पवास, पुण्य और माघ मेले से जुड़े सभी FAQs।
प्रयागराज: भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक माघ मेला 2026 इस बार प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर 3 जनवरी से 15 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। हर साल पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक लगने वाले इस दिव्य मेले में लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पवित्र स्नान करने आते हैं। हिंदू धर्म में माघ मास में संगम स्नान को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
माघ मेला 2026 की प्रमुख जानकारी
मेला प्रारंभ: 3 जनवरी 2026 (शनिवार)
मेला समापन: 15 फरवरी 2026 (रविवार)
कुल अवधि: 44 दिन
स्थान: त्रिवेणी संगम, प्रयागराज
माघ मेला 2026 प्रमुख स्नान तिथियां
पौष पूर्णिमा स्नान: 3 जनवरी 2026
मकर संक्रांति स्नान: 14 जनवरी 2026
मौनी अमावस्या स्नान: 18 जनवरी 2026
बसंत पंचमी स्नान: 23 जनवरी 2026
माघी पूर्णिमा स्नान: 1 फरवरी 2026
महाशिवरात्रि स्नान: 15 फरवरी 2026
माघ मेले में स्नान के फायदे
हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
पापों से मुक्ति और आत्मा की शुद्धि होती है।
संगम स्नान तनाव कम करने में मदद करता है।
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
माघ स्नान और दान से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
कल्पवास क्या है?
कल्पवास एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक साधना है। इसमें श्रद्धालु एक महीने तक संगम तट पर रहते हैं और नियमित रूप से पवित्र स्नान करते हैं।
दिन में तीन बार स्नान किया जाता है।
केवल सात्विक और शुद्ध भोजन लिया जाता है।
ध्यान, पूजा और कीर्तन करना अनिवार्य है।
सांसारिक सुख-सुविधाओं से दूरी रखी जाती है।
कल्पवास करने वाले व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होने की मान्यता है।
माघ मेला 2026 FAQs
माघ मेला 2026 कब शुरू और खत्म होगा?
3 जनवरी 2026 से 15 फरवरी 2026 तक।
मेला कहां लगेगा?
प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर।
माघ मेला और कुंभ मेला में अंतर क्या है
माघ मेला हर साल होता है, जबकि कुंभ मेला 12 साल में और अर्धकुंभ मेला 6 साल में आयोजित होता है।
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सबसे शुभ स्नान कौन सा है?
मौनी अमावस्या का स्नान (18 जनवरी 2026) सबसे शुभ माना जाता है।
कल्पवास करना जरूरी है?
नहीं, यह सभी श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य नहीं है।
कल्पवास कितने दिनों का होता है?
आमतौर पर 30 दिनों का, पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक।
टेंट और होटल की सुविधा कैसी है?
सरकारी और निजी टेंट उपलब्ध होंगे। सिविल लाइंस और आसपास के क्षेत्रों में होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस भी मिल जाएंगे।
संगम स्नान का सबसे अच्छा समय?
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान सर्वोत्तम माना जाता है।
आसपास के दर्शनीय स्थल कौन-कौन से हैं?
अक्षयवट, पातालपुरी मंदिर, हनुमान मंदिर और द्वादश माधव मंदिर।
बुजुर्ग और बच्चे माघ मेले में जा सकते हैं?
हां, जा सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए पर्याप्त कपड़े और दवाइयां साथ ले जाएं। मुख्य स्नान वाले दिन उन्हें ले जाने में सावधानी बरतें।
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