Mahakumbh: ये तीन दिन फरवरी महीने में महाकुंभ स्नान के लिए सबसे अच्छे हैं; अभी जानें सही दिन।
Mahakumbh 2025: फरवरी के अंतिम सप्ताह में महाकुंभ का मेला समाप्त होगा। आइए जानते हैं कि इस महीने महाकुंभ स्नान के लिए कौन-से दिन खास हैं।
Mahakumbh 2025: 13 जनवरी को पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुंभ का पावन पर्व मनाया गया। 14 जनवरी को पहला अमृत स्नान हुआ, और 29 जनवरी को दूसरा। फरवरी में भी तीन बड़े स्नान होंगे। 26 फरवरी को महाकुंभ का उत्सव समाप्त होगा। 12 वर्ष बाद प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजान होगा। आइए जानते हैं कि फरवरी महीने में किन दिनों में महाकुंभ के प्रमुख स्नान होते हैं और आखिरी अमृत स्नान किस दिन किया जाएगा।
फरवरी 2025 में महाकुंभ स्नान होगा
बसंत पंचमी पर अमृत स्नान: बसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान होगा। नागा साधुओं के सभी अखाड़े इस दिन महाकुंभ में भाग लेंगे। पवित्र त्रिवेणी में करोड़ों लोग भी डुबकी लगाएंगे। ये महाकुंभ भी नागा साधुओं का अंतिम स्नान होगा। बाद में नागा साधु अपने अखाड़ों में वापस लौट जाएंगे, जबकि कुछ नागा साधु हिमालय में गहन साधना के लिए आगें बनाएंगे।
माघ पूर्णिमा का स्नान: माघ पूर्णिमा के दिन स्नान करना महाकुंभ के दौरान, आखिरी अमृत स्नान के बाद माघ पूर्णिमा का स्नान बहुत शुभ होता है। पूर्णिमा के दिन स्नान करने से देवताओं और पिता का आशीर्वाद मिलता है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का पवित्र स्नान होगा।
महाशिवरात्रि का पवित्र स्नान: महाशिवरात्रि पर स्नान करना 26 फरवरी, महाशिवरात्रि को महाकुंभ का अंतिम पवित्र स्नान होगा। इस दिन बहुत से शिवभक्त त्रिवेणी घाट पर पहुंचेंगे। महाशिवरात्रि पर स्नान बहुत शुभ होता है। इस दिन स्नान के साथ शिव पूजन करने से धन-समृद्धि मिलती है। त्रिवेणी घाट के जल से इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना भी बेहद शुभ माना जाता है।
महाकुंभ के आखिरी तीन प्रमुख स्नान फरवरी के माह में हैं, लेकिन महाकुंभ का समापन होने से पहले हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में डुबकी लगाने पहुंचेंगे। जानकारी के अनुसार महाकुंभ में लगभग 35 से 40 करोड़ लोग हिस्सा लेंगे। 28 जनवरी तक लगभग 18 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं।