
मनीषा कोइराला ने तलाक और कैंसर जैसे झटकों के बाद 12 साल बाद ‘हीरामंडी’ से शानदार वापसी की है। पढ़िए उनकी प्रेरणादायक कहानी और कैसे उन्होंने खुद को फिर से खड़ा किया।
एक समय बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत और प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में शुमार मनीषा कोइराला ने एक बार फिर खुद को साबित कर दिया है। 90 के दशक में ‘सौदागर’, ‘बॉम्बे’, ‘गुप्त’, और ‘1942: ए लव स्टोरी’ जैसी सुपरहिट फिल्मों से लाखों दिलों पर राज करने वाली मनीषा की असली जिंदगी की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है।
जहां एक तरफ मनीषा कोइराला ने अपने अभिनय से इंडस्ट्री में मुकाम हासिल किया, वहीं दूसरी तरफ निजी जिंदगी में उन्होंने तलाक, कैंसर और अकेलेपन जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना किया। लेकिन 12 साल बाद उन्होंने ‘हीरामंडी’ से जो वापसी की है, उसने एक बार फिर उन्हें इंडस्ट्री का चमकता सितारा बना दिया है।
शादी टूटी, फिर मिला कैंसर का झटका- मनीषा कोइराला
मनीषा की शादी साल 2010 में नेपाली बिजनेसमैन सम्राट दहल से हुई थी। दोनों की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया। 2012 में तलाक हुआ और इसी साल उन्हें ओवेरियन कैंसर का पता चला। उनके जीवन में यह एक बड़ा झटका था, जिसने उन्हें शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी तोड़ दिया।
“दोस्त और रिश्तेदार मुंह मोड़ गए”
कैंसर के इलाज के दौरान मनीषा को सबसे बड़ा दर्द इस बात का हुआ कि जिन लोगों को उन्होंने अपना समझा था, वे उनके सबसे मुश्किल वक्त में साथ नहीं थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा: “पार्टी करने वाले दोस्त, घूमने-फिरने वाले लोग, कोई भी उस समय मेरे साथ बैठने को तैयार नहीं था जब मैं दर्द में थी।”
उन्होंने बताया कि अमेरिका में इलाज के दौरान उनके पास सिर्फ मां-पिता, भाई और भाभी थे। यही अनुभव उन्हें अंदर से तोड़ने की बजाय आत्मबोध की ओर ले गया। उन्होंने थेरेपी ली, खुद को समझा और अपनी ज़िंदगी की प्राथमिकताएं बदल दीं।
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जबरदस्त कमबैक: ‘हीरामंडी’ से जीता दिल
कैंसर से जंग जीतने के बाद, मनीषा ने ‘डियर माया’, ‘संजू’ जैसी फिल्मों से धीरे-धीरे वापसी शुरू की। लेकिन 2024 में संजय लीला भंसाली की बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ से उन्होंने धमाकेदार कमबैक किया। इस सीरीज में उनकी भूमिका को दर्शकों और आलोचकों से समान रूप से सराहना मिली।
उनकी परिपक्व अदाकारी, सशक्त संवाद अदायगी और स्क्रीन प्रजेंस ने साबित कर दिया कि मनीषा कोइराला न सिर्फ एक कलाकार हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं उन सभी महिलाओं के लिए जो जिंदगी के कठिन पड़ाव से गुजर रही हैं।
एक मिसाल बनीं मनीषा कोइराला
मनीषा कोइराला की कहानी केवल ग्लैमर या सफलता की नहीं है, यह कहानी है हिम्मत, धैर्य और आत्मविश्वास की। उन्होंने बार-बार यह साबित किया है कि असली ताकत वही होती है जो व्यक्ति को अंधेरे से रोशनी की ओर ले जाए। आज वो सिर्फ एक एक्ट्रेस नहीं, बल्कि एक आइकन हैं – साहस, सच्चाई और सशक्त नारीत्व की प्रतीक।
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