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छह साहित्यकारों को मिला दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान, मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित

उत्तराखंड में 6 साहित्यकारों को दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान, मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित, राज्य की साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने पर जोर।

उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश के छह प्रतिष्ठित साहित्यकारों को “उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान” से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह सम्मान उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रदान किया, जो आईआरडीटी सभागार में संपन्न हुआ।

सम्मानित साहित्यकारों की सूची

इस सम्मान से शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा, सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को नवाजा गया। इनमें से चार साहित्यकारों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया।

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साहित्य संरक्षण के लिए सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड भाषा संस्थान के माध्यम से प्रदेश के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए सतत प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि आगामी पीढ़ियां अपनी सांस्कृतिक और भाषाई विरासत से जुड़ी रहें।

उत्तराखंड की साहित्यिक विरासत को किया याद

मुख्यमंत्री धामी ने सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, शिवानी, गिर्दा, शैलेश मटियानी, और शेरदा अनपढ़ जैसे साहित्यिक महापुरुषों का श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। साथ ही अतुल शर्मा, प्रसून जोशी, और सोमवारी लाल उनियाल जैसे समकालीन साहित्यकारों को इस विरासत को आगे बढ़ाने वाला बताया।

मुख्यमंत्री धामी का संदेश

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारे पूर्वजों द्वारा सौंपी गई साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत केवल इतिहास नहीं, हमारी अस्मिता की आधारशिला है। इसे संरक्षित करना हम सबका नैतिक कर्तव्य है।”

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