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मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: पितरों को प्रसन्न करने के विशेष उपाय, तर्पण और दान से मिलेगा आशीर्वाद

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: जानें 20 नवंबर को पितरों को प्रसन्न करने के विशेष उपाय, तर्पण और दान की विधि, शुभ मुहूर्त और लाभ। अमावस्या पर करें सही पूजा और पाएं पितरों का आशीर्वाद।

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 20 नवंबर को पड़ रही है। यह दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इस दिन पितरों की पूजा, तर्पण और दान का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को भगवान विष्णु को प्रिय माना गया है। इस दिन की गई साधना और दान कर्म पितरों को तृप्त कर परिवार में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति लाते हैं।

मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व

वैदिक पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पूजा करने से देवताओं और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन विधि-विधान से किए गए कर्मों का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।

पितरों की तृप्ति क्यों जरूरी है?

हिंदू धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि अमावस्या पर पितर अपने वंशजों से तर्पण, पिंडदान और अन्नदान की अपेक्षा रखते हैं। यदि यह कार्य विधिपूर्वक किया जाए तो पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि

अमावस्या के दिन पवित्र नदी या जल-तीर्थ पर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। स्नान के बाद सूर्यदेव और भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के दौरान श्री विष्णु चालीसा या सहस्त्रनाम का पाठ करने से विशेष फल मिलता है। इसके बाद पितरों के लिए तर्पण और अन्न दान अवश्य करें।

तर्पण करने की विधि

गंगाजल से स्थान शुद्ध करें और दीपक जलाएं।

दिवंगत परिजनों की तस्वीर दक्षिण दिशा में रखें।

कुशा, काला तिल और पुष्प जल से भरे लोटे में जल अर्पित करें।

मंत्र “ॐ पितृभ्यः स्वधा” का जाप करते हुए तर्पण करें।

अंत में पितरों से क्षमा मांगकर परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।

अमावस्या पर दान करने योग्य वस्तुएं

इस दिन चावल, गेहूं, काला तिल, उड़द, वस्त्र, कंबल और धन का दान अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन कराना भी पुण्य फल देता है।

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तर्पण और दान के लाभ

मार्गशीर्ष अमावस्या पर तर्पण और दान करने से पितृदोष समाप्त होता है। जीवन में बाधाएं दूर होती हैं, घर में शांति और सुख का वास होता है और परिवार में खुशियों का आगमन होता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

पवित्र नदी में स्नान करें।

तर्पण और दान करना न भूलें।

काले कपड़े न पहनें।

तिल का दान अवश्य करें।

घर और मंदिर की साफ-सफाई रखें।

किसी के प्रति नकारात्मक विचार न रखें।

मार्गशीर्ष अमावस्या का यह पवित्र दिन पितरों की तृप्ति, परिवार की समृद्धि और जीवन की बाधाओं को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन की गई साधना और दान से आपका परिवार सुख-शांति और आनंद में लिप्त रहेगा।

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