मार्गशीर्ष माह 2025 में लड्डू गोपाल सेवा का सही तरीका और नियम
मार्गशीर्ष माह 2025 में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें? जानें लड्डू गोपाल पूजन के नियम, भोग विधि, जाप और आरती का सही तरीका।
मार्गशीर्ष माह हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे अगहन माह के नाम से भी जाना जाता है और यह हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इस माह में विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और सेवा करने का विधान है। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है, “मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं।” यही कारण है कि मार्गशीर्ष माह में लड्डू गोपाल सेवा अत्यंत फलदायी और पुण्यदायक मानी जाती है।
इस माह में स्नान, दान और दीपदान करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। लड्डू गोपाल की सेवा इस समय विशेष विधि-विधान के साथ करनी चाहिए ताकि भगवान कृष्ण की कृपा बनी रहे।
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मार्गशीर्ष माह में लड्डू गोपाल सेवा के नियम
सुबह उठाने की विधि: मार्गशीर्ष माह में सुबह लड्डू गोपाल को सात बार ताली बजाकर प्यार से उठाना चाहिए।
स्नान और श्रृंगार: रोजाना सूर्योदय से पहले लड्डू गोपाल को स्नान कराना चाहिए। स्नान के बाद उनका श्रृंगार कर के साफ वस्त्र पहनाएं।
तिलक का नियम: इस माह में लड्डू गोपाल को केसर का तिलक लगाना चाहिए। चंदन का तिलक इस माह में न करें, क्योंकि चंदन ठंडा होता है।
आरती का समय: लड्डू गोपाल की आरती के दौरान घंटी बजाना अनिवार्य है।
भोग का विधान: पूजा में लड्डू गोपाल को तिल, गुड़, गर्म दूध, मीठे पराठे, मौसमी फल और सब्जियों का भोग लगाना चाहिए।
जाप और ध्यान: पूजा के समय 108 बार “कृं कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें। यह जाप भगवान लड्डू गोपाल को प्रसन्न करता है और उनकी कृपा बनाए रखता है।
धूप और रात्रि सेवा: पूजा के बाद लड्डू गोपाल को थोड़ी देर के लिए धूप में रखकर सुुलाएं। रात को आठ बजे फिर से भोग लगाएं और थपकी देकर सोने दें।
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