धर्म

गणेश चतुर्थी 2025: 26 या 27 अगस्त को? जानिए गणपति बप्पा की स्थापना का शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी 2025 पर गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है? जानें 27 अगस्त को पूजा का समय, चौघड़िया मुहूर्त और चंद्र दर्शन निषेध।

गणेश चतुर्थी 2025: गणपति बप्पा के भक्तों के लिए साल का सबसे बड़ा पर्व गणेश चतुर्थी बेहद खास होता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला यह पर्व इस बार 27 अगस्त 2025, बुधवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह त्योहार पूरे दस दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ समाप्त होता है।

इस वर्ष श्रद्धालुओं के बीच यह भ्रम बना हुआ है कि गणेश चतुर्थी 26 अगस्त को मनाई जाएगी या 27 अगस्त को? आइए जानते हैं सही तिथि, मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त, चौघड़िया का समय, और चंद्र दर्शन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।

गणेश चतुर्थी 2025 कब है?

  • गणेश चतुर्थी की तिथि: 27 अगस्त 2025 (बुधवार)

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025, दोपहर 01:54 बजे

  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, दोपहर 03:44 बजे

चूंकि सूर्योदय काल में चतुर्थी तिथि विद्यमान होगी, इसलिए गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी।

गणपति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त (Sthapana Muhurat 2025)

  • गणेश पूजा मुहूर्त: 11:05 AM से 01:40 PM तक

  • पूजा अवधि: 2 घंटे 34 मिनट

  • यह समय पूजा, मूर्ति स्थापना और मंत्रोच्चार के लिए सबसे उत्तम माना गया है।

गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित (Moon Sighting Timings)

  • चंद्र दर्शन वर्जित समय: सुबह 09:28 बजे से रात 08:57 बजे तक

  • मान्यता है कि इस दौरान चंद्रमा देखने से व्यक्ति को कलंक दोष लगता है। इससे बचने के लिए चंद्रमा की दिशा में देखने से परहेज करें और विशेष मंत्रों का जाप करें।

गणेश चतुर्थी चौघड़िया मुहूर्त  (Choghadiya Muhurat)

मुहूर्त                        समय                                     महत्व
लाभ (उन्नति)              05:57 AM – 07:33 AM         कार्य सिद्धि और उन्नति
अमृत (सर्वोत्तम)          07:33 AM – 09:09 AM         अत्यंत शुभ
शुभ (उत्तम)               10:46 AM – 12:22 PM          पूजा-पाठ हेतु श्रेष्ठ
लाभ (उन्नति)              05:12 PM – 06:48 PM         आर्थिक लाभ के लिए उत्तम

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को घर में विराजित कर, उनकी विधिवत पूजा की जाती है। भक्त उन्हें मोदक, दूर्वा, सिंदूर, और पंचामृत अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी को प्रसन्न कर सभी विघ्नों का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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