पंजाब

N.I.T जालंधर ने मनाया 75वां गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2024 को, डा. बी.आर. अंबेडकर एनआईटी जालंधर ने संस्थान में 75 वां गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह से मनाया। संस्थान के अध्यक्ष और निदेशक प्रो. बी. के. कनौजिया ने राष्ट्रीय ध्वज का परिचय करके कार्यक्रम की शुरुआत की। राष्ट्रगान के बाद प्रशासनिक भवन के सामने परेड हुई। उत्साह को बैलून्स के विमोचन ने और बढ़ा दिया। रजिस्ट्रार, प्रोफेसर अनीश सचदेवा, डीन छात्र कल्याण, डॉ. एस बजपाई, मुख्य वार्डन, डॉ. ए. के. चौधरी, डॉ. ममता खोसला, डॉ. रोहित मेहरा, डॉ. आर.के. गर्ग, डॉ. इंडु सैनी, डॉ. सोनिया चावला और संस्थान के अन्य सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

गणतंत्र दिवस के उत्सव में सुरक्षा बलों और एनसीसी बलों के प्लेटूनों की परेड हुई। संस्थान के केंद्रीय सेमिनार हॉल में बाद में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। प्रोफेसर अजय बंसल, संस्थान के रजिस्ट्रार, ने सभी को 75वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। अपने भाषण में उन्होंने इस दिन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह वह दिन था जब भारत ने अपने संविधान के प्रमुख के माध्यम से एक गणराज्य बन गया था। डॉ. बी. आर. अंबेडकर, संविधान के पिता के नाम पर एनआईटी जालंधर का नाम रखा गया है, उन्होंने बताया कि संस्थान और आज के दिन के बीच एक विशेष संबंध है। संस्थान के निदेशक प्रो. बी.के. ने कर्मचारियों और छात्रों को बधाई दी

कन्नौजिया ने सभी को संबोधित किया और देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान दिया। जिन्होंने 26 जनवरी, 1950 को देश की स्वतंत्रता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्हें यह भी स्पष्ट किया कि गणतंत्र दिवस का महत्व संविधान की याद दिलाने के लिए नहीं है, बल्कि नवाचार और प्रगति के लिए भी है। इसलिए, प्रौद्योगिकी शिक्षा में तकनीक का बड़ा योगदान है, और शिक्षा संविधान को इसे समाज के वंचित वर्गां को शिक्षित करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। उनके पास पिछले वर्ष संस्थान की उपलब्धियां थीं, साथ ही नित जालंधर के भविष्य के विकास की योजनाएं भी थीं।

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