नाग पंचमी 2025: कालसर्प दोष के लिए खास उपाय और पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा, दूध और धान के लावा का भोग लगाना परंपरागत रीति है, जिससे परिवार के सदस्यों की रक्षा और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। साथ ही, कई घरों में नाग देवता की आकृति बनाकर तर्पण भी किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से सर्पदंश का भय दूर होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो जन्मकुंडली में राहु-केतु के विशेष योग के कारण उत्पन्न होता है। इससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं, मानसिक तनाव और असफलताएं आती हैं। नाग पंचमी के दिन इस दोष के निवारण के लिए भगवान शिव की पूजा, राहु-केतु के लिए विशेष हवन और अनुष्ठान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, इस दिन नाग-नागिन के जोड़े का भी शिवजी को अर्पण करना शुभ माना जाता है।
कालसर्प दोष से राहत पाने के लिए कई लोग योग्य पंडित से पूजा करवाते हैं, जिसमें राहु-केतु के हवन, नवग्रह पूजा और त्र्यंबकेश्वर, नासिक, उज्जैन जैसे पवित्र स्थानों पर विशेष अनुष्ठान शामिल होते हैं। इसके अलावा, लहसुनिया और गौमेद जैसे रत्न धारण करने से भी इस दोष का प्रभाव कम होता है। नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना और ध्यान से भी कालसर्प दोष की दिक्कतें दूर होती हैं।
इस प्रकार नाग पंचमी न केवल नाग देवताओं के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का दिन है, बल्कि यह कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने और जीवन में सुख-शांति लाने का भी महत्वपूर्ण अवसर है। सावन मास की यह पंचमी पूजा विधि और उपायों के साथ मनाकर जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
नाग पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त:
नाग पंचमी 2025, 29 जुलाई को सुबह 5:41 बजे से 8:23 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा, जिसमें नाग देवताओं की पूजा और कालसर्प दोष निवारण के अनुष्ठान सबसे उत्तम माने जाते हैं।
इसलिए इस दिन पूजा विधि का ध्यान रखते हुए नाग देवता की आराधना और कालसर्प दोष के उपाय अवश्य करें ताकि जीवन में समृद्धि और शांति बनी रहे।
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