Nuh हिंसा: SIT ने एक अतिरिक्त धारा जोड़ी, क्योंकि कांग्रेस विधायक मामन खान ने अपने बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
नोह: आरोपी विधायक मामन खान इंजीनियर को मंगलवार को दो दिन की पुलिस रिमांड के बाद अदालत में पेश किया गया। जहां से आरोपी सांसद को चौबीस दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। कोर्ट में बहस के दौरान यह भी सामने आया कि विधायक मामन खान ने नूंह हिंसा मामलों में दर्ज मुकदमों की जांच करने वाली एसआईटी टीम से सहयोग नहीं किया। इतना ही नहीं, जांच दल ने मामन खान पर आरोप लगाया कि वह अपने द्वारा दर्ज कराए गए बयानों पर भी हस्ताक्षर नहीं करेगा। कोर्ट में शिकायत के बाद आरोपी विधायक पर आईपीसी की धारा 180 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
विधायक की पेशी मंगलवार को 137 नंबर मुकदमें में हुई, विधायक के वकील ताहिर रुपड़िया ने बताया। जिसमें पुलिस ने ही विधायक को न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था। जिस पर न्यायालय ने विधायक को चौबीस दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। वकील ने कहा कि पुलिस ने अब तक पेश किए साक्ष्यों में विधायक के खिलाफ कोई सबूत नहीं था। हम पहले भी कोर्ट में बता चुके हैं कि विधायक को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। यह केस राजनीतिक दबाव से प्रेरित है।
पुलिस ने कहा कि मोनू मानेसर केस का इस्तेमाल करके कांग्रेस विधायक को मार डाला गया है। अब उनकी जमानत पर बहस होगी, उन्होंने कहा। वह पहले भी कोर्ट में विधायक को निर्दोष ठहराया है। राजनीतिक दबाव में सरकार अपनी असफलता को छिपाने के लिए विधायक को जबरदस्ती फंसा रहा है। दो मामले में चार दिन की पुलिस रिमांड में पुलिस ने कोई सुराग नहीं पाया है।
मामन खान के वकील ने सिर्फ राजनीतिक मामले में कहा कि नूंह शहर में उनकी कोई लोकेशन नहीं मिली है। उनके पास भी जिला नूंह में कोई स्थान नहीं है। कोई मैसेज, कॉल डिटेल या कनेक्टिविटी नहीं मिली है। उनका कहना था कि वे कोर्ट पर पूरा भरोसा रखते हैं कि वह सही न्याय प्रदान करेगा। अगले हफ्ते विधायक को जमानत मिलने की उम्मीद है।